लखनऊ। दर्द रहित यानी पेन लेस डिलीवरी कराने में एपिड्यूरल तकनीक प्रसूता के लिए कारगर होगी। इस तकनीक में प्रसूता को दर्दनिवारक दवा दी जाती है, जिससे प्रसव के दौरान व बाद में प्रसूता को दर्द किसी हद तक कम किया जा सकता है। यह बात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की एनस्थीसिया विभाग प्रमुख डॉ. मोनिका कोहली ने शनिवार को केजीएमयू में लेबर एनाल्जीसिया पर एक दिवसीय मास्टरक्लास को संबोधित करते हुए कही।
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डॉ. कोहली ने कहा कि वर्तमान में प्रसव पीडि़ता पेन लेस डिलीवरी चाहती हैं। बाद में दर्द न हो आैर दवाओं का सेवन भी कम करना पड़े। ऐसे में नयी तकनीक से दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं, जिसके बाद दर्द रहित प्रसव कराना आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि सर्जरी से ठीक पहले गर्भवती के स्पाइन में धागे की तरह डिवाइस लगायी जाती है। इसके जरिये मरीज को दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं।
क्लीनिकल साइंस में इसे एपिड्यूरल तकनीक कहते हैं। इसमें प्रसव के दौरान व बाद में प्रसूता को दर्द महसूस नहीं होता है। डा. कोहली ने बताया कि यह ज्यादा सुरक्षित भी है। मरीज को एक निर्धारित मात्रा में डोज दी जाती है।
इसके अलावा दिल्ली स्थित मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की डॉ. भारती वाधवा ने कहा कि एनस्थीसिया की नयी दवाएं पहले ज्यादा सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि इसमें खास बात यह होती है कि जिस अंग की सर्जरी होती है, उसे ही सुन्न कर दिया जाता है।
केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख डॉ. अंजू अग्रवाल ने कहा कि उनके यहां नयी तकनीक का भी प्रयोग किया जा रहा है। मरीज को बेहतर आैर उच्चस्तरीय तकनीक से सर्जरी की जाती है। कार्यक्रम में डॉ. शिशिर अग्रवाल, डॉ. चेतना शमशेरी, डॉ. मनोज चौरसिया, डॉ. कीर्तिका यादव और डॉ. रेनू सिंह शामिल थीं।