लखनऊ। सीबीआई जांच में फंसे किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के वरिष्ठ डॉक्टर के खिलाफ शुक्रवार को कार्यपरिषद के सदस्यों ने अभियोजन चलाने की मंजूरी दे दी है। ऐसे में डाक्टर की नौकरी जाने के साथ-साथ अन्य कड़ी कार्रवाई होने सकती है।
बताते चले कि सीबीआई ने केजीएमयू के रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता व उनकी पत्नी डॉ. सुनीता गुप्ता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है। आरोपित डॉ. सुनीता गुप्ता लखनऊ के चारबाग स्थित रेलवे के रीजनल हास्पिटल में तैनात रही हैं। जांच में सीबीआइ ने आरोपित डॉक्टर दंपती की संपत्ति कुल आय से करीब 1.81 करोड़ रुपये अधिक मिली थी। यह उनकी कुल आय से लगभग 86 फीसद अधिक आंकी गयी। सीबीआई ने 12 जुलाई वर्ष 2016 को डॉक्टर दंपती के ठिकानों पर छापेमारी की थी। उस वक्त उनके घर से 1.59 करोड़ रुपये तथा डॉ. सुनीता के लॉकर से 9.43 लाख रुपये बरामद हुए थे। इसके बाद वर्ष 2019 में मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू करने के बाद अब सीबीआई ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसके बाद कार्रवाई के लिए विभागीय अनुमति प्राप्त करने के लिए शासन का पत्र भेजा गया था। जहां केजीएमयू प्रशासन को डॉ. राजीव गुप्ता के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी के लिए पत्र भेजा गया। शुक्रवार को केजीएमयू में कार्यपरिषद की बैठक इस मुद्दे को रखा गया। कुलपति ले. जनरल डॉ. विपिन पुरी के मुताबिक रेडियोथेरेपी विभाग के प्रमुख डॉ. राजीव गुप्ता पर अभियोजन की स्वीकृत दे दी गई है।
उधर रेडियोथेरेपी विभाग प्रमुख डा राजीव गुप्ता का कहना है कि केजीएमयू कार्यपरिषद द्वारा अभियोजन चलाने की मंजूरी प्रदान करने संबंधी जानकारी अभी नहीं है। सीबीआई में मेरे व पत्नी के खिलाफ मामला चल रहा है। मेरी जो गलतियां थीं, उस हिसाब से सजा मिलनी चाहिए। मुझे न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा है। न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है।