केजीएमयू में डॉक्टर्स कर्मचारियों की हड़ताल, मरीज बेहाल

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लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय एशिया के टॉप चिकित्सा संस्थानों में गिना जाता है। सातवें में वेतनमान व भत्तों की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों और डॉक्टर्स एसोसिएशन की हड़ताल की वजह से मरीजों का हाल बदहाल हो गया  है। दूरदराज क्षेत्रों से आए मरीज ओपीडी की लाइन में लगे रहे। अचानक कर्मचारियों ने आकर के सारे डॉक्टरों की हड़ताल करादी। डॉ डॉक्टर भी उनके समर्थन में उठकर ओपीडी से चले गए। इससे मरीज परेशान हो गए ।यही वही कर्मचारियों ने आज सुबह महामंत्री प्रदीप गंगवार के नेतृत्व में प्रशासनिक भवन में ताला जड़ कर के कुलसचिव को अंदर जाने नहीं दिया। केजीएमयू ओपीडी में रोजाना तकरीबन दस हजार मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं, वहीं 200 मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है।

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लेकिन दूर दराज से पहुंचे मरीजों को जब पता चलता है कि आज हड़ताल है तो उनके होश उड़े नजर आते हैं। इसी क्रम में आज फिर एसजीपीजीआई के समान सेवा शर्ते जैसे पीजीआई को 2017 से सातवां वेतनमान व उसके भत्ते प्रदान करने के आदेश के साथ केजीएमयू व लोहिया संस्थान को भी भत्ते जैसी मांगों को लेकर केजीएमयू टीचर्स एसोसिएशन और कर्मचारी परिषद के पदाधिकारियों ने ओपीडी में कार्य बहिष्कार का ऐलान किया। जिसके बाद केजीएमयू ओपीडी में परेशान मरीजों और तीमारदारों की लंबी लंबी कतारें देखने को मिली। डॉक्टरों के भी समर्थन प्राप्त होने से  ज्यादातर ऑपरेशन  नहीं हो सके। हालांकि केजीएमयू प्रशासन ने साफ किया कि हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह से चालू रहती हैं लेकिन मरीजों ने केजे में प्रशासन के इस दावे को सिरे से नकार दिया।

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