मुख्यमंत्री ने दिया था समुचित इलाज का आदेश
लखनऊ। काकोरी क्षेत्र में बृहस्पतिवार की देर शाम हुये बस एक्सीडेंट में घायलों को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेटर में भर्ती कराया गया था, जब कि इस घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों के समुचित इलाज का आदेश दिया था, लेकिन ट्रामा सेंटर में भर्ती घायलों को अपना इलाज कराने के लिए जांच कराने के लिए शुल्क जमा करना पड़ रहे है। यही नही कागजी कार्रवाई के नाम पर परेशानी भी उठानी पड़ रही है।
बताते चले कि काकोरी क्षेत्र में बस एक्सीडेंट के घायलों को देर शाम को केजीएमयू स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। वर्तमान में यहां लगभग आठ मरीज भर्ती हैं, अन्य मरीज प्राथमिक इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिये गये। इन्हीं मरीजों में से दो मरीज अनूप और अनुज के परिजन अरुण ने बताया कि उनसे जांच के लिए ढाई हजार रुपये लिये गये हैं। इसके अलावा इलाज के लिए कुछ सामान भी मंगाया है उसे भी खरीदना पड़ा है। अरुण का आरोप है कि यहां पर हर चीज के लिए पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं।
वहीं टीएसडब्ल्यू वार्ड में भर्ती मरीज की बहन अमिता ने बताया कि उनके भाई को कल हुए एक्सीडेंट में गंभीर चोट आयी है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी भी ट्रामा सेंटर में मरीजों को देखने आये थे, कहा था कि कोई दिक्कत हो तो यहां हेल्पडेस्क बनाई गयी है पूरी मदद होगी, लेकिन हेल्प डेस्क कहीं दिखाई नहीं पड़ती है। उन्होंने बताया कि मरीज के तीमारदारों जांच के लिए 4500 रुपये लिये गये हैं। इतना ही नहीं सीटी स्कैन जांच के दौरान लिये गये कुल रुपयों में छह सौ रुपयों की रशीद दी गयी और पूछने पर जांच कर रहे स्टाफ ने बताया कि वह डाई के लिए पैसे लिये जाते हैं,जिसकी रशीद नहीं मिलती है।
इसके अलावा 1500 रुपये ब्लड टेस्ट के लिए जमा करने पड़े है। उन्होंने इसकी शिकायत केजीएमयू प्रशासन से भी की है। उनका आरोप है कि ट्रामा सेंटर में कागजी कार्रवाई के नाम पर इस काउंटर से उस काउंटर पर परिक्रमा करनी पड़ रही है।
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ.केके सिंह ने बताया कि सभी घायलों के इलाज की मुफ्त व्यवस्था की गई है, यदि किसी मरीज से पैसे लिये गये हैं, तो वह मरीज को छुट्टी देते समय वापस कराने की कोशिश की जायेगी। इसके अलावा ट्रामा सेंटर सीएमएस डा. प्रेमराज कहना है कि निशुल्क इलाज के लिए कहा गया है। अगर ऐसी गड़बड़ी है तो रुपया वापस कराया जाएगा।