लखनऊ। चक गंजरिया स्थित कैंसर संस्थान में चिकित्सक शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। चयन सूची में ऐसे चिकित्सक शिक्षक का नाम देखकर सभी आश्चर्य चकित है, जिसने साक्षात्कार ही नहीं दिया आैर सूची में नाम जुड़ा हुआ है। खुलासा होने के बाद मामले पर लीपापोती करते हुए कैं सर संस्थान प्रशासन ने लिपिकीय त्रुटि बताया है। खुलासा होने पर कार्रवाई करते हुए कार्यकारी कुलसचिव को पद से हटा दिया ग जांच के आदेश दिए गए हैं। आनन-फानन कम्युनिटी मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. आयुष को नया कार्यकारी कुलसचिव बना दिया है।
कैंसर संस्थान में 96 चिकित्सा शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकला था। इसमें देश के अलग- अलग राज्यों से लगभग 150 चिकित्सकों ने आवदेन किया था। इन पदों पर निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल गठित कर साक्षात्कार कराए। अगस्त के आखिरी हफ्ते में साक्षात्कार पूरे कर लिए गये थे। इसके बाद चार सितंबर को 17 चयनित चिकित्सा शिक्षकों की लिस्ट जारी कर दी गयी।
इसमें एनस्थीसिया विभाग में छह चिकित्सा शिक्षकों का चयन किया गया था। इसमें चयनित चिकित्सकों की लिस्ट में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर डॉ. श्वेता अग्रवाल का नाम भी जुड़ा है, जबकि वह साक्षात्कार में शामिल ही नहीं थीं। शिकायत डिप्टी सीएम ब्राजेश पाठक तक पहुंच गया।
आनन-फानन में कैंसर संस्थान प्रशासन ने जांच कराने पर सफाई देते हुए कहा कि डॉ. श्वेता नाम से तीन अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
इनके सर नेम अलग थे। डॉ. श्वेता अग्रवाल का नाम गलती से छप गया है। जबकि चयन डॉ. श्वेता चित्रांशी का हुआ है। गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद आनन-फानन संस्थान प्रशासन ने डॉ. श्वेता अग्रवाल के नाम का नियुक्ति पत्र निरस्त कर दिया। इसके साथ ही डॉ. श्वेता चित्रांशी का नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया है।
कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट का कहना है कि यह गड़बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण है। आदेश का संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डॉ. श्वेता अग्रवाल ने साक्षात्कार नहीं दिया था। साक्षात्कार देने वाली डॉ. श्वेता चित्रांशी का चयन किया गया था। संशोधित परिणाम सक्षम स्तर से अनुमोदन होने के बाद जारी किया जाएगा। कार्यकारी कुलसचिव कार्यालय की लापरवाही से ऐसा हुआ है, जिसके लिए कुलसचिव डॉ. शरद सिंह कार्यमुक्त कर दिया गया है।
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