लखनऊ – नर्म, खंखरे ऊतक जो हड्डी के केंद्र में मौजूद होते हैं उनको बोन मैरो कहा जाता है। ये टिश्यु स्टेम सेल में शामिल होते हैं और अलग-अलग रूप से रक्त में शामिल होते हैं। सफेद रक्त कोशिकाओं, लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेंटलेट्स में ये ऊतक पाए जाते हैं।
बोन मैरो कैंसर तब होता है जब मैंलीगेंट सेल्सो यानी घातक कोशिकाएं रक्त में विकसित होनी शुरू हो जाती हैं। सभी बोन मैरो कैंसर से पीडि़त मरीजों के पास एक ही प्रश्न होता है कि क्या बोन मैरो कैंसर का इलाज संभव है। क्या बोन मैरो कैंसर का ईलाज संभव है तो आइए जानें कुछ बातों को।
- बोन कैंसर के उपचार से पहले बोन कैंसर का निदान होना जरूरी है।
- बोन कैंसर का उपचार बोन कैंसर की अवस्था और मरीज की स्थिति देखकर ही किया जाता है।
- बोन कैंसर के ईलाज के लिए कई बार तो कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी या फिर इसी तरह की अन्य थेरपी से भी चिकित्सा की जाती है।
- बोन कैंसर की चिकित्सा बोन कैंसर से ग्रसित रोगी पर भी निर्भर करता है कि वह किस उम्र का है, बोन कैंसर किस स्टेज का है।
- बोन कैंसर के उपचार के लिए कई विधियां अपनाई जाती हैं। कई बार बोन कैंसर के लिए शल्य चिकित्सा अपनानी पड़ती है तो कई बार घरेलू नुस्खों से ही काम चल जाता है।
बोन मैरो ट्रांसप्लांट
बोन मैरो कैंसर के इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट थेरेपी भी अपनाई जाती हैं। हालांकि यह बहुत ही जटिल प्रणाली हैं। लेकिन इस उपचार के जरिए संक्रमित बोन मैरो को स्वस्थ बोन मैरो से बदल दिया जाता है। जिससे मरीज पहले से कहीं अधिक स्वस्थ महसूस करता है और प्रभावित कोशिकाओं के बदले स्वस्थ कोशिकाओं का निर्माण होने लगता हैं।
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जो कि बोन मैरो कैंसर से लड़ने के लिए प्रयासरत होती हैं। हालांकि बोन मैरो कैंसर का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा की मदद से भी किया जा सकता है। इसके साथ ही मरीज को डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए और अपने खानपान पर खास ध्यान देना चाहिए।
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