लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में डाक्टरों की लापरवाही से मरीजों की जान पर बन आयी है। शनिवार को बेहोशी की हालत में इलाज कराने आयी महिला मरीज को खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर दिया गया। आक्सीजन लगने के बाद भी मरीज की सांसे उखड़ने लगी, तो इलाज के साथ आक्सीजन सिलेंडर को चेक किया तो उसमें गैस नहीं थी। इससे तीमारदार आक्रोशित हो गये आैर इमरजेंसी पहुंच कर हंगामा मचा दिया। उनका कहना है कि अगर कुछ देर हो जाती तो मरीज मर भी सकता था। डाक्टरों को जल्दी से दूसरा ऑक्सीजन सिलेंडर मरीज को लगा कर जांच के लिए भेजा गया, जिसके बाद तीमारदारों का गुस्सा शांत हो गया।
बताते चले कि अमेठी निवासी विमला देवी (55) शनिवार सुबह अचानक बेहोश हो गयी। परिजनों ने होश में लाने की कोशिश की, लेकिन तबियत बिगड़ने पर उसे लेकर स्थानीय डाक्टर के यहां ले गये। यहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद हालत गंभीर बताकर उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। परिजन सुबह ग्यारह बजे एंबुलेंस से केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। यहां पर इमरजेंसी में डॉक्टरों ने जांच करके महिला को ऑक्सीजन लगा दिया। इसके बाद ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर ही मरीज को सीटी स्कैन जांच कराने के लिए भेज दिया।
परिजनों का आरोप है कि जल्द बाजी में मरीज को बिना चेक करके खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिया। जांच के लिए पहुंची महिला की तबियत धीरे बिगड़ रही आैर सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। आधे घंटे तक स्ट्रेचर पर सीटी के इंतजार के दौरान मरीज की सांसे ज्यादा तेजी उखड़ने लगी। डाक्टरो को बुलाया गया आैर इलाज शुरू किया तो चेक करने पर पता चला कि ऑक्सीजन सिलेंडर खाली है। इससे परिजन आक्रोशित हो गये आैर हंगामा करने लगे। मामले को दबाने के लिए आनन फानन में मरीज को दूसरा ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया।
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