राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में चिकित्सकों की मनमानी जारी है। ये मरीजों को इलाज देने के बजाय रेफर करना ज्यादा अच्छा समझते हैं। इसी तरह का मामला शुक्रवार को वार्ड नंबर ७ व ८ में देखने को मिला। जहां पर २४ घंटे से भर्ती मरीज को जब इलाज देने की बारी आयी, तो चिकित्सक ने इलाज देने के बजाय मरीज को गंभीर बताते हुऐ ट्रामा सेंंटर रेफर कर दिया। गोमती नगर निवासी खुर्शीदा खान ७० को गुरुवार को सर में दर्द की समस्या थी। धीरे-धीरे उनकी हालत बिगडऩे लगी। हालत बिगड़ता देख परिजन मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी में चिकित्सकों ने देखने के बाद मरीज को वार्ड में शिप्ट कर दिया।
वार्ड नंबर ७ व ८ में बेड नंबर २२ पर मरीज को भर्ती हुये २४ घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी कोई चिकित्सक मरीज को देखने तक नहीं आया। शुक्रवार शाम जब मरीज की हालत ज्यादा बिगडऩे लगी, तो परिजनों ने मरीज को इलाज न मिलने की शिकायत अस्पताल के निदेशक से की। जिसके बाद निदेश्क के कहने पर डा.सुनील शाम ७ बजे के बाद मरीज को देखने आये और मरीज की हालत गंभीर बता केजीएमयू के ट्रामा सेंंटर रेफर कर दिया। परिजनों का आरोप है कि एक तो २४ घंटे तक डा.सुनील देखने नहीं आये और जब देखने आना पड़ा तो गुस्से में आकर मरीज को इलाज देने के बजाय मरीज को रेफर कर दिया।