लखनऊ । प्रदेश के आयुष मंत्री दया शंकर मिश्रा को आयुष छात्रों ने ज्ञापन दिया। ज्ञापन में छात्रों ने अनुरोध किया है कि
आयुष के सभी छात्रों , जिनकी इन्टर्नशिप 29 नवम्बर 2023 के बाद शुरू हुई,” को नेक्स्ट परीक्षा अनिवार्य कर दिया गया है। जो कि गलत है कि परीक्षा नये सत्र के प्रथम वर्ष से लागू की जाए।
ज्ञापन में कहा गया है कि भारत का राजपत्र 28 नवम्बर 2023 / अग्रहायण 7, 1945, के माध्यम से आयुष के सभी छात्रों (जिनकी इन्टर्नशिप 29 नवम्बर 2023 के बाद शुरू हुई) को नेक्स्ट परीक्षा अनिवार्य कर दिया गया है।
छात्रों का कहना है कि नियमतः कोई भी नया नियम नये सत्र के प्रथम वर्ष से लागू किया जाता है। परन्तु यह नियम सभी वर्ष के विद्यर्थियों पर समान रूप से लागू किया गया है।
छात्रों का कहना है कि कोरोना की वजह से एक साल सत्र देरी से चल रहा है, ऐसे में नये नियम के आ जाने से हमें डिग्री प्राप्त करने में सात साल तक लगने की सम्भावना है तथा इस नये परीक्षा के प्रतिरूप के बारे में भी कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई है और न ही इतना समय कि इस परीक्षा की तैयारी की जा सके, जिससे हम सब छात्र बहुत ही परेशान हैं।
दिये गये ज्ञापन में कहा है कि नेशनल मेडिकल कमिशन ने एम०बी०बी०एस० छात्रों का एग्जीट एग्जाम वर्ष 2024 के बैच पर से लागू किया है, जिसका एग्जीट एग्जाम वर्ष 2028 में होगा। इसी तरह हम आयुष के छात्रों का भी एग्जीट एग्जाम वर्ष 2024 के बैच से लागू हो।
आयुष छात्रों ने अनुरोध किया है कि इस नये नियम को नियमतः लागू किये जाने की तिथि के अगले वर्ष बैच से लागू किया जाये साथ ही विद्यार्थियों को परीक्षा के प्रतिरूप तथा प्रारूप के बारे में पूर्ण जानकारी दी जाये।