आधुनिक जीवन शैली बढ़ा रही बांझपन

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लखनऊ । अधिक उम्र में शादी, मोटापा, तनाव, धूम्रपान, अत्याधिक कैफीन आैर शराब का सेवन करने से बांझपन की समस्या खड़ी हो सकती है। यह बात इंदिरानगर इलाके में निजी हास्पिटल की डा. पुष्पा जायसवाल ने सोमवार को यूपी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि विश्व में छह से सात करोड़ दंपति बांझपन से पीड़ित हैं, जबकि भारत में कुल मिलाकर प्राथमिक स्तर पर बांझपन करीब 3.1 से 13.7 प्रतिशत के बीच होने का अनुमान है। महिला या पुरुष किसी में गड़बड़ी के कारण बांझपन हो सकता है।

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बांझपन को दूर करने के लिए उपचार के कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन जांच दोनों की करवानी चाहिए। जब शादी के एक साल बीत जाए आैर गर्भधारण नहीं हुआ तो चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। महिला में हो सकता है कि माहवारी नियमित न हो या फिर आती ही न हो या फिर चेहरे पर बाल हों आदि। पुरुषों में हारमोन संबंधी समस्याएं हों जैसे कि बालों की वृद्धि में परिवर्तन, कामेच्छा में कमी, वीर्यस्खलन में समस्याएठ आदि। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान में उपचार के कई तरीके में आईयूआई, एआरटी आैर आईबीएफ शामिल हैं। इसके बावजूद यदि बच्चा न हो तो बच्चा गोदलेनी की सलाह देते हैं।

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