पोस्टमार्टम, मेडिको लीगल रिपोर्ट पढ़िए ऑनलाइन , हैंडराइटिंग की नहीं होगी दिक्कत

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लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग ने पोस्टमार्टम व मेडिकोे लीगल रिपोर्ट को ऑनलाइन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू कर दी गयी हैं। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट प्रदेश सरकार की ओर से एकीकृत सॉफ्टवेयर मेडलिया पीआर (मेडिको-लीगल रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट) पर अपलोड की जाएगी। इससे रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी व छेड़छाड़ की गुंजाइश खत्म हो गयी है। प्रक्रिया शुरू करने के पहले स्वास्थ्य विभाग के 94 डाक्टरों को शौ विच्छेदन कार्य हेतु प्रशिक्षित किया जा चुका है। पोस्टमार्ट नोडल अधिकारी डा. गोपीलाल ने बताया कि ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड करने के लिए डॉक्टरों की अलग-अलग आईडी बनेगी।

इससे पुलिस अधिकारियों को भी जांच में आसानी होगी और पीड़ितों को समय पर न्याय मिल पाएगा। इसके लिए डाक्टरों की प्रशिक्षित टीम पर शव विच्छेदन प्रपत्र लाइव वर्जन अपलोड करेंगे। शव विच्छेदन करने वाले समस्त चिकित्सकों के उनके लॉगिन आईडी, पासवर्ड के साथ-साथ नाम मोबाइल नंबर सहित पहले ही उपलब्ध करा दी गयी हैं। पहले डाक्टरों हैंडराइटिंग के कारण अपराधिक घटनाओं में कोर्ट व पुलिसकर्मियों को पोस्टमार्टम व मेडिको लीगल रिपोर्ट पढ़ने में असुविधा होती थी। कोर्ट डाक्टर को पेश होने का आदेश देता था। कई मामलों में निर्धारित तिथि पर डाक्टर कोर्ट नहीं पहुंचते थे, जिससे पीडि़त व्यक्ति को जहां चक्कर लगाना पड़ा था।

वहीं अपराधियों को सजा सुनाने में भी देरी होती थी। कई मामलों में डाक्टरों के हैंडराइटिंग के कारण अपराधियों को लाभ भी मिल गया। अब ऑनलाइन प्रक्रिया होने पर इन समस्याओं छुटकारा मिलेगा। साथ ही ऑनलाइन व्यवस्था से मेडिको, लीगल व पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अब धांधली नहीं की जा सकेंगी। एक बार रिपोर्ट बन जाने के बाद इसमें रिपोर्ट बनाने वाले भी अब किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर पाएंगे। नई व्यवस्था के तहत ऑनलाइन रिपोर्ट में जख्म या शरीर के अंगों के बारे में डिटेल तो होगा ही साथ ही संबंधित फोटो भी अटैच करना होगा। अगर ब्रोन में इंज्युरी है, तो इससे संबंधित फोटो भी लगेगी।

अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के ब्रोन में इंज्युरी है, तो इससे संबंधित फोटो में संबंधित स्थान को घेरना होगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए डाटा इंट्री ऑपरेटर, इंटरनेट, प्रिंटर, स्कैनर, कम्पैटिबल कम्प्यूटर आैर 24 घंटे बिजली की अपूर्ति टीम को उपलब्ध कराई गयी हैं।

कैसे बना यह प्रोजेक्ट

इन महत्वपूर्ण रिपोर्ट को ऑनलाइन करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के सहयोग से मेडिको लीगल एंड पोस्टमार्टम रिपोर्टिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर डेवलप किया है। नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर के माध्यम से पोर्टल विकसित की गई है।

जरूरतमंदों को पूरी करनी पड़ेगी। पोस्टमार्ट नोडल अधिकारी डा. गोपीलाल ने बताया कि पोर्टल पर बिना यूजर आईडी आैर पासवर्ड से खुलेंगा। अपराधिक घटनाओं में पुलिस पीड़ित परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध कराती हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश मामलों ने मृतकों के परिजन बीमा आदि के लिए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट की आवश्यकता होती हैं। वहीं, बीमा कंपनी भी बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बिना पीड़ित को लाभ नहीं देती है। इसके लिए पीड़ित व्यक्ति को एफीडेबिट बनवाकर सीएमओ के पास जाना होगा।

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