लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान अब व्यवस्था को सुधारने के लिए एम्स पटना की तर्ज हास्पिटल रिवाल्विंग फंड( एचआरएफ) के मॉडल को विकसित करेगा। इसके लिए संस्थान के डाक्टरों की टीम ने एम्स पटना जाकर एचआरएफ व्यवस्था की जानकारी ली। इसके बाद निदेशक प्रो. सोनिया नित्यानंद को व्यवस्था की जानकारी दी।
बताते चले कि लोहिया संस्थान में प्रतिदिन लगभग तीन हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिए अलग- अलग माध्यम से पहुंचते है। यहां पर आठ सौ से ज्यादा बिस्तर है। यहां पर मरीजों को तीस से चालीस प्रतिशत कम कीमत पर सर्जिकल सामान व दवा उपलब्ध करायी जाती है। यहां पर वर्तमान में अलग- अलग स्थानों पर एचआरएफ के बारह मेडिकल स्टोर संचालित है।
M यहां पर एचआरएफ की व्यवस्था को आैर बेहतर करने के लिए एम्स पटना के एचआएफ मॉडल के महत्वपूर्ण तथ्यों को शामिल किया जाएगा। प्रो. सोनिया नित्यानंद का भी मानना है कि एम्स पटना में ऑनलाइन सिस्टम बेहतर तरीके से काम कर रहा है। इसके तहत नयी दवाओं को शामिल करने के लिए आर सी मंगायी गयी है। लोहिया संस्थान में गाइनो, सर्जरी, ईएनटी ,आई के अलावा जनरल सर्जरी विभाग का भी संचालन हो रहा है। इसके कारण मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है। सभी को कम दाम पर दवा उपलब्ध हो सकेगी।