लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में दांतों के इलाज के लिए अब एक्स-रे कराने के लिए आधा शुल्क ही देना होगा। अभी तक मरीजों को डेंटल एक्स-रे के लिए 100 रुपये शुल्क लिया जाता था आैर अब 50 रुपए ही देना होगा। केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि एक नयी तकनीक की मदद से सामान्य एक्स-रे फिल्म पर ही डिजिटल प्रिंट दिया जा सकेगा। जो किफायती होगा, जिसके सीधा लाभ मरीजों को मिलेगा।
डेंटल फैकल्टी के डीन डा. रंजीत पाटिल ने बताया कि अभी तक एक्स-रे के लिए छोटी फिल्म का प्रयोग होता आया है, लेकिन बीते कुछ दिनों से छोटी फिल्म की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। संकाय में रेडियो वीडियोग्राफी (आरवीजी) तकनीक भी एक्स-रे किया जाता है, इसमें सेंसर मुख में डालकर कंप्यूटर की स्क्रीन पर ही मरीज का एक्स-रे देखा लिया जाता है। वैसे सामान्य एक्स-रे की फिल्म पर ही मरीजों को रिपोर्ट दी जा सकती है। इस आधार पर हमने बड़ी फिल्म पर ही आरवीजी कर डिजिटल प्रिंट के जरिए जबड़े की फिल्म निकालना शुरू कर दिया है, जिससे 15 से 16 मरीजों को एक फिल्म पर ही अलग अलग भाग कर रिपोर्ट दी जा सकती है। एक प्रिंट में 15 छोटे दांतों का एक्सरे लिया जा सकता है। जो छोटी फिल्मों की तुलना में महंगा नही है। इससे लागत कम होगी।
इसलिए मरीजों को भी आधे दाम में एक्सरे जांच दी जा रही है, हालांकि ओपीजी व अन्य एक्स-रे का पूर्व निर्धारित शुल्क ही लिया जाएगा। सोमवार से नई मशीन शुरू होने जा रही है, जिससे वर्तमान में 50 से 60 मरीजों की अपेक्षा 100 से अधिक मरीजों को एक दिन में ही एक्स-रे रिपोर्ट दी जाएगी। इसके साथ ही अगले दो महीने में संकाय को दो नयी एक्स-रे मशीनों की मिलने वाली है।