8 वर्षों से स्पाइन में धंसा चाकू का टुकड़ा, विशेषज्ञों ने निकाला

पी जी आई ने भी ऑपरेशन से किया इनकार

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लखनऊ। मेयो हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने रीढ़ की हड्डी में धंसे चाकू के टुकड़े को निकाल कर युवती को नया जीवन दिया। स्थिति काफी जटिल होने के कारण ऑपरेशन लगभग छह घंटे से अधिक समय तक चला। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ्य है।
गोमती नगर स्थित मेयो मेडिकल सेंटर में 26 वर्षीय रानी सिंह (परिवर्तित नाम) को मंगलवार को भर्ती कराया गया था। रानी सिंह के परिजनों ने बताया कि आठ साल पहले इंदौर में उनके ऊपर चाकू से जानलेवा हमला किया गया था। घाव ठीक होने के बाद किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। लेकिन पिछले दो साल से उन्हें हाथ में झनझनाहट हो रही थी इसके कारण काफी परेशानी हो रही थी। इसके लिए उनको कानपुर के हेलेट अस्पताल में दिखाया गया जहां सी टी स्कैन में गर्दन के नीचे रीढ़ की हड्डी में चाकू का एक टुकड़ा धंसा हुआ दिखाई दिया। जहां डाक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी।
परिजनों का कहना है कि कानपुर रीजेंसी हॉस्पिटल, लखनऊ चिकित्सा विश्ववद्यालय व पीजी आई के न्यूरो सर्जरी विभाग में दिखाया गया पर डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया।

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इसके बाद मेयो मेडिकल सेंटर के डॉ आशीष तोमर को दिखाया गया। डॉ तोमर ने बताया कि हमले के समय चाकू टूट कर मरीज की गर्दन में ही रज गया था। ये टुकड़ा गर्दन के ठीक नीचे रीढ़ की हड्डी में धसा था। और इसी जगह से शरीर को नियंत्रित करने वाली वेंस जाती है।ऐसे में मरीज के हाथ पैर सुन्न (लकवा) होने के साथ ही शरीर के अन्य अंगों के भी बेकार होने का खतरा था। साथ ही ऑपरेशन के दौरान मरीज को सांस लेने में दिक्कत होते की आशंका थी जिससे वह वेंटिलेटर पर भी का सकता था।

डॉ तोमर के नेतृव में हॉस्पिटल के एनेस्थिया व ओ ट की कुशल टीम ने चाकू को निकाल कर मरीज को नया जीवन दिया। हॉस्पिटल की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ मधुलिका सिंह ने बताया कि ऑपरेशन थियेटर को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया गया है। साथ ही परिस्थितियों ने हॉस्पिटल में कोविड संक्रमण से बचाव के सभी उपायों का सख्ती से पालन किया जा रहा है।

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