बांदा – वैश्विक महामारी रोकने के लिए शासन के कड़े निर्देश के बावजूद बांदा में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन किस तरह की लापरवाही बरत रहा है इसका ताजा उदाहरण आज उस समय देखने में आया। जब कोरोना संक्रमित पाए गए एक युवक का पिता तीन दिन घर में कैद रहा। प्रशासन ने न पिता की जांच कराई और न ही इस मोहल्ले को हॉटस्पॉट घोषित किया।
तीन दिन पहले बांदा में 28 मरीज संक्रमित पाए गए थे।इसमें सूची के नौवें नंबर पर अलीगंज मोहल्ले से लगे पोड़ा बाग में एक युवक को संक्रमित पाया गया था। संक्रमित मिले इस युवक को स्वास्थ्य विभाग ने पकड़ कर राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।युवक ने घर से जाते समय घर में बाहर से ताला लगा दिया और उसका पिता कमरे में ही कैद रह गया।प्रशासन की यही पर भारी चूक हो गई।जब युवक संक्रमित पाया गया तो उसके साथ रहने वाला पिता भी संक्रमित हो सकता है लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नही दिया जिससे पिता की जांच भी नहीं हुई और न ही वह कमरे से बाहर आ सका।
बताया जाता है कि उक्त युवक को संक्रमित पाए जाने के बाद मोहल्ले के लोग भी युवक के पिता की मदद नहीं कर सके। कोई उसे एक गिलास पानी तक देने नहीं गया।इतना ही नहीं प्रशासन से लापरवाही की तब हद हो गई जब प्रशासन ने उस मोहल्ले को हॉटस्पॉट घोषित नहीं किया और न ही उसके घर के आस-पास सैनिटाइजिंग कराई गई। इस बीच पड़ोस में रहने वाले मीडिया से जुड़े एक व्यक्ति को जब आज इस बात की जानकारी मिली तो उसने संक्रमित युवक के घर का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किया, तब प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में प्रशासन की ओर से तहसील की टीम मौके पर पहुंची। कुछ देर बाद स्वास्थ्य टीम भी वहां पहुंच गई। संक्रमित के पिता को जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया और इसी के साथ मोहल्ले को हॉटस्पॉट क्षेत्र बनाने की कार्रवाई शुरू हो सकी। अगर मीडिया द्वारा इस मामले का संज्ञान नहीं लिया जाता तो कमरे में कैद व्यक्ति की जान जा सकती थी और हॉट स्पॉट क्षेत्र न बनाए जाने से मोहल्ले के लोग संक्रमित हो सकते थे।