लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई निदेशक प्रो.राकेश कपूर का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो रहा है, जिसके कारण उनके कार्यअधिकार में अब वह कोई निति गत फैसला नहीं ले सकते है। बताते है कि निदेशक भी संस्थान को छोड़ने का मन बना चुके है, जबकि अभी सेवानिवृत्त में एक वर्ष का समय बाकी है। निदेशक ने कहा कि स्वैछिक सेवा निवृत्त के लिए जल्दी ही आवेदन करेंगे। फिलहाल विभागों से नो आब्जेक्शन लेने की प्रक्रिया शुरू भी कर दिए है। नए निदशक के लिए अभी नोटिफिकेशन तो नहीं हुआ, लेकिन दावेदार नामनेशन कर दिए है। दूसरी तरफ संस्थान के लोग कह रहे है कि इनके निर्देशन में इमरजेंसी मेडिसिन, रीलन ट्रांसप्लांट बडे प्रोजेक्ट लंबित है जिसे पूरा कराने के लिए दोबारा मौका देना चाहिए।
निदेशक भी कोई काम लेकर जाने पर कर्मचारी नेताओं से कह देते है मेरा कार्यअधिकार खत्म हो गया है, अगले निदेशक से बात करिएगा। संस्थान प्रशासन के लोग पावर खत्म होने निति को ढाल बना कर कर्मचारियों के तामम काम टाल रहे है। एनएसए की अध्यक्ष सीमा शुक्ला , मेडिटेक एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह और महामंत्री सरोज वर्मा ने कहा कि हम लोगों का एमएसीपीएस फरवरी में होना था, लेकिन इसके लटकाए रखा गया अब कह रहे है कि निदेशक का कार्यअधिकार (पावर) सील हो गया कुछ नहीं होगा।
इस साथ नए निदेशक के नामों पर संस्थान में चर्चा शुरू हो गयी है। लोग अपने -अपने अनुसार निदेशक के पद के नामों पर मुहर लगा रहे है। संस्थान के 6 सीनियर प्रोफेसर नाम पर विशेष चर्चा चल रही है। कर्मचारियों में चर्चा है कि इन लोगों ने नामनेशन भी करा दिया है।
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