लखनऊ। ब्रााइट लैंड स्कूल में छात्रा के हमले में भर्ती घायल छात्र रितिक की केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में बीतीरात तबियत बिगड़ गयी। ट्रॉमा जनरल सर्जरी विभाग में भर्ती छात्र रितिक को डाक्टरों ने खाना खिलाने के लिए कहा था। खाने के बाद उसके बाद उल्टियां होने लगी। विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम ने पहुंचकर उसे दवा चढ़ायी, तब कहीं जाकर देर रात हालत सामान्य हुई। इसके बाद उसे प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। उधर राज्य मंत्री स्वाति सिंह ने छात्र का इलाज निशुल्क न होने की शिकायत कुलपति से की, तब कहीं जाकर छात्र को निशुल्क दवा मिलना शुरु हो पायी।
ट्रॉमा सेंटर के जनरल सर्जरी विभाग में भर्ती छात्र को डॉक्टरों के निर्देश पर परिजनों खाना के अलावा फल भी खिलाया था। कुछ देर बाद उसे पेट में दर्द बताना शुरु किया आैर कुछ देर बाद खाना न पचने से शुक्रवार की रात उसे उल्टियां होने लगी। उसके ऐसा होने से वहां डाक्टरों की टीम में अफरा-तफरी मच गयी। परेशान रेजीडेंट डॉक्टरों ने तत्काल सीनियर डॉक्टरों को कॉल करके बुलाया और पूरी जानकारी दी। वरिष्ठ डॉक्टरों ने जांच पड़ताल करने के बाद ड्रिप लगाकर दवा चढ़ाई। देर रात ही उसे कंट्रोल कर लिया गया। ट्रॉमा प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि छात्र की हालत अब ठीक है। सीएम के आने से पहले छात्र को ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस ने क्रिटिकल केयर वार्ड में भर्ती किया। कुछ घंटों बाद ही उसे तीसरे तल पर ट्रॉमा जनरल सर्जरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया था।
तीमारदारों ने संक्रमण की आशंका जताते हुए शुक्रवार को वार्ड से अलग करने के लिए अनुरोध किया था। आज जनरल सर्जरी वार्ड के प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया है। ट्रॉमा प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि बच्चे को प्राइवेट वार्ड में रखा गया। बताया जाता है कि मंत्री स्वाति सिंह के ट्रामा सेंटर आने के बाद ही जूनियर डॉक्टरों ने तीमारदारों को बाहर से दवा लाने के लिए कहा था। इसकी जानकारी मंत्री को मिली तो उन्होंने बच्चे के पिता से फोन पर करके जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने कुलपति को मामले से अवगत कराया। इसके बाद ही निशुूल्क इलाज शुरू किया गया।