लखनऊ। अक्सर देखा गया है कि बच्चों को दूध पिलाने के बाद उनका मुंह में लगा दूध को साफ नहीं किया जाता है, जब कि मुलायम कपड़े से मुंह की ठीक से सफाई करनी चाहिए। इससे बैक्टीरिया और वायरस संक्रमण के खतरे को 90 प्रतिशत तक टाल सकते हैं। ऐसा न करने से बैक्टीरिया पनप आते हैं। दो दांतों के साथ शरीर के दूसरे अंगों को भी बीमार बना सकते हैं। यह जानकारी केजीएमयू दंत संकाय के डॉ. लक्ष्य कुमार ने शुक्रवार को दंत संकाय के प्रोस्थोडोंटिक्स विभाग द्वारा बेसिक टू एडवांस इम्प्लांटोलॉजी विषय पर आयोजित सेमिनार में दी। दंत संकाय के सभागार में आयोजित सेमिनार में विभिन्न जिलों से आये डेंटल डाक्टरों ने भाग लिया। इन सभी इंम्प्लाट की तकनीक सिखायी जा रही है। सेमिनार का उद्घाटन कुलपति प्रो. एमएल बी भट्ट ने किया।
डॉ. लक्ष्य यादव ने कहा बच्चों को दूध पिलाने के बाद मुंंह साफ करना आवश्यक होता है। अक्सर मुंह के आस-पास लगा दूध की सूखी लाइन तक बन जाती है। ऐसे में संक्रमण होने का खतरा होता है जो कि अन्य मुंह के माध्यम से अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि रात में ब्राश जरूर करना चाहिए, क्योंकि रात में मुंह में लॉर कम बनती हैं। करीब आठ घंटे मुंह बंद होता है। खाने के कण दांतों के बीच में फंसे रहते हैं। ऐसे में उसमें सड़न पैदा हो जाती है। बैक्टीरिया पनप आते हैं। बैक्टीरिया तमाम तरह के एसिड छोड़ते हैं। इससे मसूढ़े कमजोर हो जाते हैं। हड्डी गलने लगती हैं। उन्होंने बताया कि सुबह ब्राश करने के भी फायदे हैं लेकिन रात के मुकाबले कम। क्योंकि दिन में व्यक्ति खाना खाता है। पानी पीता है। बात करता है। इससे बैक्टीरिया के पनपने का खतरा कम रहता है।
डा. पूरन चंद ने कहा कि अब 25 से 30 वर्ष के लोग भी लगवाने आ रहे है। ऐसा पायरिया और दांतों में कीड़े लगने की वजह से हो रही है। 60 साल की उम्र पार करने वाले 15 प्रतिशत बुजुर्ग पायरिया की चपेट में हैं। 2025 तक यह संख्या 30 प्रतिशत तक हो सकती है। ठीक से दांतों की सफाई न होने की वजह से इस तरह की परेशानी आसानी से युवाओं में पनप रही है। डॉ. हेमंत राय ने ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक की जरूरत है। इस तरह की कार्यशालाओं का मकसद मरीज की जरूरतों के अनुकुल होना चाहिए।