जरा सी चूक! जिंदगी की जंग लड़ रही जच्चा

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लखनऊ। राजधानी के इन्दिरा नगर स्थित नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात महिला डाक्टर की सिजेरियन डिलीवरी में लापरवाही से जच्चा (महिला) की जान खतरे में है। जच्चा के अधिक ब्लीडिंग होने पर तत्काल उसे केन्द्र से खटारा एम्बुलेंस से रेफर कर दिया। हालत नाजुक होने के का क्वीन मेरी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। परिजनों ने उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। जहां पर जच्चा को वेंटिलेटर यूनिट में शिफ्ट किया गया है। हालत गंभीर होने पर अभी तक आठ यूनिट ब्लड भी चढ़ाया जा चुका है। परिजनों का आरोप है कि सिजेरियन न करने हालत होने के बाद भी सर्जरी की गयी। केन्द्र की चिकित्सा अधीक्षक डा. रुबीना का कहना है कि इस तरह के मामले एक हजार मरीजों में एक कही होता है। सर्जरी करने में कोई लापरवाही बरती गयी।

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अलीगंज निवासी अनवर खान की पत्नी सहनूर खान (22) को पांच दिसम्बर को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने इन्दिरा नगर स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। वहां मौजूद डाक्टरों ने जांच रिपोर्ट देखने व प्रसूता की हालत को देखने के बाद तत्काल सिजेरियन कराने का निर्णय लिया। पति अनवर का अारोप है कि तो पांच दिसम्बर को सुबह नौ बजे पत्नी को भर्ती कराया। डाक्टरों ने इतनी तेजी से इलाज करना शुरू किया कि लगभग 15 मिनट बाद ही वहां की मौजूद डाक्टर ने सिजेरियन भी कर दिया, परिजनों का आरोप है कि सिजेरियन करने के लगभग एक घंटे बाद प्रसूता के टांकों से ब्लडिग शुरू हो गयी ,उसकी हालत बिगडने लगी। परिजनों का आरोप है कि जब हालत तेजी से बिगड़ने लगी तो किसी रेफर कर दिया। खराब एम्बुलेंस किये जाने के बाद क्वीन मेरी में भर्ती नहीं किया आैर अब केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर पर जिंदगी की लड़ाई लड रही है।

पति अनवर ने बताया कि क्वीन मेरी अस्पताल में जगह नहीं मिल पायी,जिसके बाद मरीज को ट्रामा सेंटर लेकर गये। वहां पर चिकित्सकों ने मरीज की हालत गंभीर देख तीसरे तल बने वेंटीलेटर यूनिट में प्रसूता को भर्ती कर इलाज शुरू किया। परिजनों का कहना है कि आठ यूनिट ब्लड चढने के बाद अभी भी हालत गंभीर बनी हुयी है,जबकि ऑपरेशन के समय सहनूर खान की हीमोग्लोबिन 10 था। सहनूर खान तो बानगी मात्र हैं,आये दिन चिकित्सकों की लापरवाही प्रसूताओं की जान आफत में डाल रही है।

अभी कुछ दिन पहले चंदर नगर बीएमसी में एक महिला चिकित्सक की लापरवाही से एक प्रसूता की जान तक चली गयी। वहीं लापरवाह चिकित्सक पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ उसका तबादला ही किया गया।
प्रसूता की पति अनवर की माने तो जिस एंबुलेंस से बाल महिला चिकित्सालय से उनकी पत्नी को क्वीनमेरी अस्पताल भेजा गया था,उसमें आक्सीजन सिलेंडर का मीटर टूटा हुआ था,इसके अलावा उस एंबुलेंस की हालत अंदर से बहुत दयनीय थी।

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