लखनऊ। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में बुखार के मरीज बढ़ गए। गोमतीनगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय की इमरजेंसी में तेज बुखार के साथ मरीज भर्ती कराए गए, इनमें कइयों तो एक माह से बुखार से पीड़ित चल रहे हैं। इन्हीं एक एडमिट हुए बाराबंकी के बुजुर्ग मरीज के तीमारदार कहते हैं कि खून की जांच करने पर रिपोर्ट में कुछ निकला नहीं है। फिजीशयन डा. एसके श्रीवास्तव बताते हैं कि ऐसा कई बार देखा गया कि बुखार के मरीजों में एक बार जांच करने पर पुष्टि नहीं हो पायी है। ऐसी में दूसरी या तीसरी बार भी जांच करवानी पड़ती है। हालांकि, बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं लेकिन डाक्टर अभी इसे वायरल फीवर मान रहे हैं।
डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में ओपीडी में हर पांचवां मरीज बुखार से पीड़ित था। यहां बाल रोग विभाग में बुखार व डायरिया दोनों से पीड़ित कई मरीज एडमिट हैं। इन्हीं में छह वर्षीय आराध्या की मां पूनम कहती हैं कि वायरल फीवर बताया है। मौसम के उतार-चढ़ाव में वायरल फीवर बढ़ता है जो सात से दस दिन तक रह सकता है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. आशुतोष दुबे ने बताया कि बुखार के मरीज आ रहे हैं लेकिन खासतौर पर कोई एक क्षेत्र से तल्लुक नहीं रखते। बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में बेड का संकट खड़ा होने पर अतिरिक्त बिस्तर लगाए गये।
यहां के अलावा कहीं पर अतिरिक्त बिस्तर लगाने की व्यवस्था नहीं है, इसका कारण केजीएमयू व पीजीआई जैसे बड़े अस्पतालों से रेफर मरीज भी एडमिट कर लिये जाते हैं। अस्पताल के निदेशक डा. ईयू सिद्दीकी ने बताया कि स्वाइन फ्लू, डेंगू के लिए वार्ड आरक्षित किये जा चुके हैं। फिलहाल, इनके मरीज नहीं आए।