केजीएमयू : 31 टीबी ग्रसित बच्चों की इलाज की ली जिम्मेदारी

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लखनऊ। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) की 23 सदस्यीय ज्वाइण्ट मॉनिटरी मिशन (जे.एम.एम) टीम ने आज किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष एवं उप्र स्टेट टास्क फोर्स (आर.एन.टी.सी.पी.) के चेयरमैन डा. सूर्यकान्त से पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियन्त्रण (आर.एन.टी.सी.पी.) के साथ बीमारी पर गहन विचार विमर्श किया। इसके बाद विभाग में स्थापित डाट्स केन्द्र, डाट्स प्लस केन्द्र एवं आई आर एल केन्द्र का निरीक्षण किया। टीम इससे पूर्व गोरखपुर एवं आगरा जनपदों का निरीक्षण करते हुए लखनऊ आयी थी। इस टीम का नेतृत्व विश्व स्वास्थ्य संगठन के डा. डगलस फ्रेजर कर रहे थे। इनके साथ प्रमुख रूप से डा. डावरन, डा. अविनाश कंचर, डा. राजेश सोलंकी एवं डा. एम. एम. पुरी शामिल थे।

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डा. सूर्यकान्त ने बताया कि वर्ष 2018 को भारत को टीबी मुक्त बनाने की घोषणा की गयी थी। जिसके बाद से भारत में टीबी नियंत्रण को काफी गति मिली है, जिसके फलस्वरूप जिन 11 लाख टीबी मरीजों के बारे में कोई जानकारी नही थी, उनमें से आधे टीबी मरीजों की जानकारी प्राप्त हो गयी है। उन्होंने बताया कि क्षय नियंत्रण कार्यक्रम की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि टीबी के रोगी अधिकतर बीच में ही इलाज छोड़ देते है, जिससे उन्हें गम्भीर टीबी (एम.डी.आर. एवं एक्स.डी.आर.) हो जाती है। प्रत्येक टीबी रोगी को 500 रूपये प्रतिमाह पोषण भत्ता दिया जा रहा है। अभी तक प्रदेश में 75 करोड़ से अधिक रूपये टीबी रोगियों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से दिये गये है।

प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में टीबी की निःशुल्क जॉच एवं उपचार की सुविधा होनी चाहिये तभी मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिलेगी। उन्होंने बताया केजीएमयू ने अभी तक 31 टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लिया है। टीम ने विभाग के इन कार्यों की सराहना की एवं सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा निष्ठा पूर्वक कार्य करने की प्रशंसा की। टीम को अवगत कराया गया कि टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु जिला अस्पतालों मेंं टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को और अधिक सुदृढ़ करना होगा एवं चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ानी होगी तथा उनको समय समय पर प्रशिक्षित करते रहना होगा। इस दौरान डब्ल्यू एच ओ सलाहकार डा उमेश त्रिपाठी, डी.टी.ओ. एवं विभाग के चिकित्सक डा. अजय कुमार वर्मा, डा. दर्शन कुमार बजाज, डा. अविषेक कार एवं विभाग के सभी आर.एन.टी.सी.पी. कर्मी उपस्थित रहें।

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