न्यूज। भारत आैर जापान ने सोमवार को दोनों देशों में समग्र स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिये पहली बार योग एवं आयुर्वेद जैसी भारतीय परंपरागत चिकित्सा प्रणाली के क्षेत्र में सहयोग का फैसला किया है। इससे आयुर्वेद ही नही प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी व होम्योपैथी को भी बढ़ावा मिल सकेगा। भारत के आयुष (आयुर्वेद, योग आैर प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा आैर होम्योपैथी) मंत्रालय आैर कनागावा प्रीफेक्चरल गवर्नमेंट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान दौरे के दौरान सहयोग पत्र (एमओसी) पर हस्ताक्षर हुए।
यह सहयोग-पत्र एक दूसरे एमओसी का पूरक है जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन के क्षेत्र में सहयोग को बढावा देता है।
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, ”यह सहयोग पत्र हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय आैर ऑफिस ऑफ द हेल्थकेयर पॉलिसी ऑफ द कैबिनेट ऑफिस ऑफ जापान एवं जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच हुए एक सहयोग पत्र का पूरक होगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन में चिन्हित क्षेत्रों जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, गैर-संचारी बीमारियों की देखभाल, साफ-सफाई, स्वच्छता, पोषण एवं बुजुर्गों की देखभाल जैसे क्षेत्रों में सहयोग का बढावा देना है।”” बताते चले कि प्रधानमंत्री मोदी 13वें भारत-जापान वार्षिक शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए जापान में हैं।
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