लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गठिया रोग विभाग में एक बार फिर इलाज के लिए टोकन सिस्टम लागू करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इसके अलावा निर्धारित समय देकर भी मरीजों को देखा जाएगा। फिलहाल अभी यह तय नहीं है कि विभाग में पंजीकरण कराने के बाद पर्चे पर मरीज का इलाज होगा या नहीं। लिम्ब सेंटर में स्थित गठिया रोग में मरीजों की भीड़ बहुत उमड़ती है। सुबह से ही पर्चा बनवाने के लिए तीमारदारों की काउंटर खुलने से पहले ही लग जाती है। डाक्टरों को भी मरीज को देखते – देखते तीन से चार बज जाता है। विभाग प्रमुख बनने के बाद डा. अनुपम बाखलू ने बेहतर इलाज देने के लिए क ई प्रस्ताव किये है।
इनमें वार्ड से लेकर वेंटिग रूम तक अलग-अलग स्तर पर फेर बदल किया जाएगा,लेकिन सबसे बड़ा फेरबदल टोकन सिस्टम को लागू करने के लिए दिया गया प्रस्ताव हंै। इसके तहत मरीजों को इलाज कराने के लिए ओपीडी के लिए कु छ निर्धारित संख्या तक ही टोकन दिये जाएंगे। इसके लिए वेंडिग मशीन लगा दी जाएगी, जिससे मरीजों को टोकन मिल जाएंगे। इसके अलावा ओपीडी में ही मरीजों को अलग से देखने के लिए पहले से समय दिया जाएगा। ताकि उन्हें इलाज के लिए आने पर इंतजार न करना पड़े। विभाग में चर्चा है कि अगर ओपीडी में मरीजों के इलाज के लिए टोकन सिस्टम लागू हो जाता है तो ओपीडी के लिए क्या पंजीकरण सिस्टम समाप्त कर दिया जाएगा। अगर पंजीकरण सिस्टम समाप्त हो जाता है तो काफी संख्या में मरीज ओपीडी में इलाज से वंचित हो सकते है। बताते चले कि गठिया रोग विभाग के कुछ डाक्टरों ने टोकन सिस्टम लागू किया था, जिसका विरोध केजीएमयू ने करते हुए इस पर रोक लगा दी थी।
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