लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय से लेकर अन्य सभी अस्पतालों में वेंटीलेटर न मिलने से पीजीआई ट्रॉमा सेंटर पहुंचे मरीज बाहर ही दम तोड़ दिया। तीमारदारों का आरोप है समय पर सही इलाज व वेंटीलेटर न मिलने से बृहस्पतिवार तड़के मरीज की मौत हो गई। पिता ने मामले की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री से करने की बात कही है। बताते चले कि बाराबंकी बड़ेल निवासी रामविलास का बेटा मनोज (28) बीती 6 अप्रैल को सड़क हादसे में घायल होने उसे केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। वहां पर जांच के बाद मरीज न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती था। जहां दो दिन तक मरीज को किसी तरह एम्बुबैग पर रखा गया। वेंटीलेटर की डिमांड किया, तो डॉक्टर ने वेंटिलेटर खाली न होने की बात कहकर लोहिया अस्पताल भेज दिया। जहां भी मरीज को भर्ती लेने से मना करने पर उसे बलरामपुर अस्पताल भेजा गया।
बीती 9 अप्रैल की रात मरीज को बलरामपुर की इमरजेंसी में भर्ती किया गया। डाक्टरों के अनुसार मरीज को वेंटीलेटर की तत्काल आवश्यकता थी। मरीज की हालत बिगड़ता देख उसे परिजन बुधवार दोपहर डिस्चार्ज कराकर पीजीआई ट्रॉमा सेंटर ले गए। परिजनों का आरोप है कि वहां पर काफी देर तक मरीज एंबुलेंस में बाहर पड़ा तड़पता रहा। इलाज के सभी पेपर देखने के बाद भी कई घंटे बाद भी मरीज को डॉक्टर भर्ती लेेने को राजी नहीं हो रहे थे। इस बीच मरीज की मौत पीजीआई ट्रॉमा सेंटर के बाहर हो गई। नाराज तीमारदार स्वास्थ्य सेवाओं को कोसते हुए शव लेकर घर वापस लौट आए। पिता का आरोप है कि किसी भी सरकारी संस्थान में मरीज को वेंटीलेटर नहीं मिलने पर उसकी मौत हो गई।
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