लखनऊ । लम्बे समय के बाद पीजीआई में लगभग दो से तीन महीने के अंदर लिवर प्रत्यारोपण दोबारा शुरू करने की तैयारी लगभग हो गयी है। लंबे समय लिवर प्रत्यारोपण न होने के पीछे संसाधन की कमी बतायी गयी थी, जिसे प्रदेश सरकार ने लगभग पूरा कर दिया है। इस बार लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर लगभग दो सौ करोड़ रुपयो की लागत से बनायी गयी है।
यह जानकारी संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश कपूर , डीन एवं गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. राजन सक्सेना पत्रकार में दी। दोनों ने संयुक्त रूप से बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू करने के लिए हर स्तर पर तैयारी हो रही है। प्रत्यारोपण के लिए पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अत्याधुनिक उपकरणों को लैस करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि पहले लिवर प्रत्यारोपण क्यों फेल हो रहे थे। इसका कारण जानने के लिए आडिट कराया गया तो उसमें निकल कर आया कि सपोर्टिव सिस्टम एक साथ न होना सबसे बडा कारण था। अब सेंटर पर सब कुछ एक ही छत की नीचे होगा। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अमित अग्रवाल ने बताया कि जल्दी इमरजेंसी मेडिसिन , किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर का निर्माण शुरू होगा।
हिमैटोलाजी विभाग का काम पूरा हो गया ,जल्दी इसका लोकापर्ण होगा। इस विभाग का अपना भवन है जिसमें वार्ड, लैब, रिसर्च लैब सब एक छत की नीचे हैं। प्रो. अमित अग्रवाल ने बताया कि एपेक्स ट्रामा सेंटर में इमरजेंसी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। यहां पर एक महीने में सौ से अधिक मरीजों को इलाज दिया गया, जिसमें मरीजों की जटिल सर्जरी भी गयी हैं।
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