लखनऊ। अपने तरह की यह खास पहली उपलब्धि के कारण आस्ट्रेलियाई अनुसंधानकर्ताओं ने एक विशेष प्रकार से विकसित किये गये मच्छरों को तैनात कर एक पूरे शहर को डेंगू के प्रकोप से बचा लिया है। शोध के बाद यह मच्छर जानलेवा डेंगू विषाणु को फैला नहीं पाते है।
प्रजनन के माध्यम से इन मच्छरों को प्राकृतिक रुप से पाये जाने वाले वोलबैचिया बैक्टेरिया का वाहक बनाया गया है । यह बैक्टेरिया विषाणु को फैलने से रोक देता है। इन मच्छरों को क्वींसलैंड के टाउंसविले के 66 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में उन स्थानों पर डाल दिया गया, जहां वे प्राकृतिक रुप से प्रजनन कर सकते हैं।
इन मच्छरों को छोड़े जाने के बाद पिछले चार सालों में इस क्षेत्र में डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया। आस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय में विश्व मच्छर कार्यक्रम के निदेशक स्कॉट ओ नील ने कहा, ”हम रोग पर वाकई एक बड़ा प्रभाव चाह रहे हैं। डेंगू आैर जीका पर नियंत्रण के लिए फिलहाल कुछ नहीं काम कर रहा। इस बीमारी के बढते बोझ का सबूत है, जीका एक बड़ी महामारी के रुप में फैला, जिसने हाल ही अमेरिका आैर बाकी दुनिया को गिरफ्त में ले लिया था। ”
उन्होंने कहा, ”मैं सोचता हूं कि हमने यहां कुछ ऐसा हासिल किया है जो एक बहुत बड़ा असर डालने जा रहा है आैर मैं समझता हूं कि यह अध्ययन इस बात का पहला संकेत है कि यह बहुत भरोसेमंद है। ” अनुसंधानकर्ता इन मच्छरों को अब इंडोनेशिया, ब्रााजील आदि में इसका प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें बेसब्राी से रिजल्ट का इंतजार है।
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