लखनऊ। राजधानी के लालबाग क्षेत्र की कोरोना संक्रमण से पीड़ित 91 साल की महिला ने कोरोना को मात दे दी है। अगर देखा जाए तो राजधानी में पहली बार इस उम्र में किसी बुजुर्ग महिला कोरोना की जंग जीत ली है। यह महिला पीजीआई के राजधानी कोविड -19 अस्पताल में भर्ती थीं। जांच में लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 23 वें दिन डॉक्टरों ने छुट्टी कर दी। उधर केजीएमयू ने भी दो कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया।
लालबाग के एक निजी अस्पताल में भर्ती इस बुजुर्ग महिला को कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद 30 अप्रैल को पीजीआई के कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट किया गया। इस बुजुर्ग महिला का बेटा और बहू डॉक्टर हैं। बिना वेंटिलेटर के जीती जंग कोविड -19 अस्पताल के आईसीयू प्रभारी डॉ. देवेंद्र गुप्ता बताते हैं कि जब यह बुजुर्ग महिला आयी थी, भर्ती होने के बाद सांस लेने में तकलीफ के चलते ऑक्सीजन पर रखा गया था। जांच में बुजुर्ग महिला को कोरोना संक्रमण के साथ ही निमोनिया था। इलाज कर डाक्टरों के सामने अधिक उम्र होने की वजह से काफी चुनौती पूर्ण था। करीब एक हफ्ते तक लगातार ऑक्सीजन पर रखकर इलाज जारी रखा गया। बुजुर्ग महिला की कुछ सुधार होने पर आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इस दौरान सभी डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत और अथक प्रयास का नतीजा रहा कि 23 बाद महिला को सकुशल छुट्टी कर दी गई।
उधर केजीएमयू में कोरोनो वार्ड में तैनात डा. शिउली ने बताया कि प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग से रेफर होकर आयी काकोरी निवासी 24 वर्षीय को प्रसव के बाद कोरोना संक्रमण के बाद 14 मई को आइशोलेशन वार्ड में भर्ती करायी गयी थी। दो बार जांच निगेटिव आने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। वही गोमतीनगर निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग को सूखी खांसी, हल्का बुखार और सांस लेने में तकलीफ हुई। बेटे को भी बुखार महसूस हुआ। डॉक्टर की सलाह पर दोनों ने जांच कराई। जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई। 14 मई को दोनों मरीजों को केजीएमयू में भर्ती कराया। डॉ. शिउली ने बताया कि बुजुर्ग करीब 20 वर्षों से डायबिटीज व ब्लड प्रेशर की चपेट में हैं। कोरोना संक्रमण की पुष्टि से इलाज की चुनौती बढ़ गई थी। दोनों मरीज की दो बार की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर डिस्चार्ज कर दिया गया।
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