लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित क्वीन मैरी हॉस्पिटल में ऑब्स्टेट्रिकल क्रिटिकल केयर विषय पर सीएमई का आयोजन किया गया। सीएमई में मातृ स्वास्थ्य के गंभीर संकटों की पहचान और प्रबंधन को लेकर जागरूकता बढ़ाने तथा स्वास्थ्यकर्मियों को गहन ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया।
इस आयोजन की संरक्षक प्रो. रेखा सचान थीं, जबकि डॉ. आर.एस. गंगवार ने सचिव और डॉ. वंदना गौतम संयुक्त सचिव भी मौजूद थी।
सीएमई में वरिष्ठ प्रो. रेखा सचान (प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग) ने ऑब्स्टेट्रिक्स में सेप्टिक शॉक” पर कहा कि गर्भावस्था या प्रसव के बाद होने वाले एक गंभीर संक्रमण के कारण होता है। उन्होंने क हा कि आम तौर पर यह संक्रमण के बाद पहले 24 या 72 घंटों के भीतर होता है। इसके लक्षण दिखते ही तत्काल इलाज शुरु कर देना चाहिए।
जिसमें इसकी शीघ्र पहचान और प्रभावी उपचार की रणनीतियों पर चर्चा की गई। मेडिसिन विभाग के प्रो. एम एल पटेल ने “गर्भावस्था में गुर्दा क्षति पर जानकारी दी। प्रो. जिया अहमद (एनेस्थीसिया विभाग) ने “गर्भवती महिलाओं में मैकेनिकल वेंटिलेशन” पर जानकारी देते हुए विशेष स्थितियों और सावधानियों के बारे में बताया। डॉ. आर.एस. गंगवार ने भी मातृ गहन देखभाल के बारे में गहन जानकारी दी।
डॉ. वंदना गौतम ने “ऑब्स्टेट्रिक हेमरेज पर बताया कि यह गर्भावस्था या प्रसव, प्रसवोत्तर अवधि में होने वाले ब्लीडिंग के कारण गंभीर स्थिति हो सकती
है। यह मातृ आैर भ्रूण दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है, जिसमें रोकथाम और त्वरित इलाज आवश्यक है। वक्ताओं के व्याख्यानों के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल प्रदर्शन भी मुख्य आकर्षण थे। गर्भवती महिला में इंटुबेशन और प्रसवोत्तर रक्तस्राव के प्रबंधन पर भी कौशल प्रदर्शन हुए। विभिन्न विभागों के फैकल्टी, स्नातकोत्तर छात्र, और चिकित्सकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।