लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मरीजों का इलाज जल्द ही महंगा हो सकता है। यहां पर पैथालॉजी, डायग्नोस्टिक जांच के अलावा कई अन्य विभागों में महत्वपूर्ण इलाज के शुल्क बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। , इसके लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। वह तय कर रही है कितना आैर किसका शुल्क बढ़ाया जाए। इस कमेटी अपनी रिपोर्ट केजीएमयू को सौपेने के बाद शुल्क बढ जाएगा।
केजीएमयू में बजट की कमी के कारण मरीजों के इलाज में दिक्कत आने लगी है। इसके साथ ही चिकित्सा से लेकर अन्य व्यवस्था चरमराने लगी है। पहले केजीएमयू के बजट करीब एक करोड़ के आस-पास आता था, लेकिन अब वर्तमान में बजट काफी कम है। केजीएमयू सूत्रों के अनुसार बजट की मांग एक बार फिर की गयी है, लेकिन बताया जाता है कि बजट के मिलने की उम्मीद काफी कम हो गयी है। ऐसे में केजीएमयू ने खुद विकल्प तलाशने शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि केजीएमयू प्रशासन एक बार फिर पैथालॉजी, डायग्नोस्टिक के कुछ जांचों में शुल्क बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
इसके अलावा इलाज में कुछ विभाग व अन्य स्थान भी तय किये गये है। जहां पर शुल्क एक वर्ग विशेष मरीजों का बढ़ाया जा सके। ताकि मध्यम वर्गीय मरीजों को इलाज के दौरान कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े। कमेटी यह भी पक्ष लेकर चल रहा है कि गरीब व बीपीएल मरीजों के साथ असाध्य मरीजों का इलाज निशुल्क किया जाता है। फि लहाल शुल्क कितने प्रतिशत बढ़ेगा आैर किसका यह कमेटी आंकलन लगातार कर रही है।