लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। दो वर्षो से चल रहे ई- हास्पिटल के बाद अब कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 41 विभागों के कर्मचारियों, नर्सिंग स्टाफ एवं रेजीडेंट डाक्टरों को दी जाएगी। इस प्रशिक्षण के लिए तैयारी कर ली गयी है आैर शेड¬ूल बना कर सभी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
केजीएमयू में ई हास्पिटल व्यवस्था लागू होने के बाद आये दिन तकनीकी गड़बड़ियों के कारण मरीज बेहाल रहते है। केजीएमयू आईटी सेल का दावा है कि केजीएमयू में सभी काम आनलाइन हो रहे हैं। परन्तु मरीजों को पंजीकरण कराने के बाद ओपीडी पर्चा बनवाना पड़ता है। आये दिन ओपीडी में अभी कभी साप्टवेयर हैंग कर जाता है तो कभी रिपोर्ट प्रिंट नहीं हो पाती है। ओपीडी में आए दिन जांच रिपोर्ट के लिए लाइन लगाए रहते हैं। पैथोलॉजी की सामान्य रिपोर्ट लेने के लिए मरीजों को कभी बड़ी पैथोलॉजी तो कभी माइक्रोबायोलॉजी विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है।
केजीएमयू प्रशासन की ओर से इंटरनेट स्लो होने की दुहाई दी जाती है, जबकि यहां बीएसएनएल केसाथ दो निजी कंपनियों का भी नेटवर्क लिया गया है। फिलाहाल 25 मार्च से शुरू हुआ प्रशिक्षण कार्य 14 मई तक चलेगा। इसके लिए अलग-अलग विभाग के रेजीडेंट और कर्मचारियों को अलग- अलग दिन बुलाया गया है। प्रशिक्षण कार्य कुलसचिव कार्यालय के कंप्यूटर लैब में शाम चार बजे से पांच बजे तक होगा।
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