लोहिया संस्थान में हाईटेक तकनीक से हुई थायराइड सर्जरी

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लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने गले की गांठ का बिना टांका चीरा इलाज करने में सफलता मिली है। इसमें डॉक्टरों ने निडिल (सूई) से गांठ को वेबस हीट देकर हटा दिया। संस्थान में पहली बार माइक्रोवेव एब्लेशन से गले की थायराइड ग्रंथि में बनी गांठ का सटीक इलाज करने का दावा किया है।

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गोरखपुर की रहने वाली 32 वर्षीय महिला को गले में गांठ बन गयी थी। इसके कारण महिला को गले में दर्द व भोजन निगलने के अलावा अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। परिजनों ने स्थानीय स्तर कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन इलाज से फायदा नहीं हुआ। परिजन महिला को लेकर लोहिया संस्थान पहुंचे।

यहां इंडोक्राइन सर्जरी विभाग में डॉ. सारा इदरीस ने मरीज के गले का अल्ट्रासाउंड समेत दूसरी जांचें करायी, जिसमें गले में स्थित थायराइड ग्रंथि में तीन सेंटीमीटर से अधिक बड़ी गांठ का पता चला। इसके बाद गांठ कैंसरयुक्त है या सामान्य इसको स्पष्ट करने के लिए एफएनएसी जांच टेस्ट कराया। जांच में गांठ सामान्य निकली। इसके बाद माइक्रोवेव एब्लेशन तकनीक से इलाज का निर्णय लिया गया। डॉ. सारा ने बताया कि विशेष सुई के माध्यम से गांठ में वेबस हीट देकर गांठ को जला दिया गया। यह तकनीक पारंपरिक सर्जरी की तुलना में अधिक सुरक्षित, सटीक व सुविधाजनक होती है।

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