लखनऊ।संजय गांधी पी जी आई में भर्ती होने वाले मरीजों की नकली कोविड 19 की जॉच के खुलासे के बाद शनिवार को पीजीआई के बाहर साइबर कैफे और ऑनलाइन फॉर्म भरने वाली दुकाने लगभग बंद रही। पी जी आई थाने में प्राथमिकी दर्ज के बाद नकली कोविड 19 की रिपोर्ट देने वाले सतर्क हो गये हैं।
बताते चलें प्रदेश के कोने-कोने से आये गरीब मरीजों को निजी पैथोलॉजी तथा गेस्ट हाउस एवं मेडिकल स्टोर में कार्यरत कर्मी मरीजों को तुरंत रिपोर्ट ज्यादा पैसा लेकर फर्जी रिपोर्ट कैफे से पी जी आई के एच आई एस से मिलते जुलते फार्म पर स्कैनिंग करके इन्हें थमा दिया जा रहा था। इसी प्रकार निजी पैथोलॉजी तथा गेट के बाहर लाइन लगाकर कार्ड छपा रखकर कम दर पर उपलब्ध कराने के लिए इनको इस कायॅ के लिए नौकरी पर रखा है। बेरोजगार लड़के गांव से आकर इस तरह से दुकानदार के होते हैं । यह लोग गेट के बाहर रात्रि में मरीजों को भर्ती कराने और जांच के लिए ठेका ले लेता है कि इस कार्य कराने धनराशि पहले ले लेते है। इसके अलावा मुख्य ओल्ड ओ पी डी के बाहर प्राइवेट एम्बुलेंस के डाईवर भी गेट पर लगाये खड़ी रखते हैं और वह वही से फंसाकर मरीजों की जांच और बाहर के निजी अस्पताल में भर्ती करने का कमीशन के लिए ले जाता है। इन डाईवर ने मरीजों को जल्दी कायॅ और भर्ती सहित अन्य कार्यो का अच्छी खासी रकम लेकर भोले भाले मरीजों का शोषण किया जा रहा है।