लखनऊ। जिला टीबी केंद्रों से उच्चीकृत टीबी केन्द्रों में कम से कम रोगियों को भेजा जाए,क्योंकि इन उच्च केंद्रों में जाने वाले टीबी मरीज संक्रमण फैला सकते है ंऔर साथ ही उन्हेंस्वयं कोविड-19 संक्रमण होने का खतरा हो सकता है। यह जानकारी टीबी की वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग एवं प्रशिक्षण कार्यशाला में डा. सूर्यकांत ने दी।
यूपी स्टेट टास्क फोर्स (टीबी उन्मूलन) अध्यक्ष डा. सूर्यकांत और डा. संतोषगुप्ता, स्टेट टीबी ऑफिसर, यूपी ने सभी जिला टीबी अधिकारी, सभी मेडिकल कॉलेजों के नोडल अधिकारियोंऔर अन्य संबंधित डब्ल्यूएचओ के सलाहकार और चिकित्सा अधिकारियों के लिए एक वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग एवं प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। डा. सूर्यकांत ने जिला टीबीकेंद्रों के सशक्तिकरण के लिए जोर दिया, ताकि जिला टीबी केंद्रों से उच्चीकृत टीबी केन्द्रों में कम से कम रोगियों को भेजा जाए,क्योंकि इन उच्च केंद्रों में जाने वाले टीबी रोगी, टीबी को समुदाय में फैला सकते है ंऔर साथ ही उन्हेंस्वयं कोविड-19 संक्रमण होने का खतरा हो सकता है।
इसलिए जिलास्तर पर टीबी निदान एव ंउपचार सुविधाओं में वृद्धि करके जिला टीबीकेंद्रों से उच्चकेंद्रों तक आवाजाही को कम किया जासके। डा. सूर्यकांत ने दवा प्रतिरोधी और टीबी के कठिन मामलोंऔर एंटीट्यूबरकुलर दवाओं के किसी भी दुष्प्रभाव के प्रबंधन के बारे में उच्चकेंद्रों में विशेषज्ञ से परामर्श के लिए डिजिटल प्लेट फार्मों का उपयोग करने पर भी जोर दिया। इस टीबी की समीक्षा बैठक में डा. ऋषि सक्सेना, उप-राज्य टीबीअधिकारी, डा. उमेश त्रिपाठी और डा. सुखवंत सिंह, डब्ल्यूएचओसलाहकार भी मौजूद थे और उन्होंने भी अपना दृष्टिकोण साझा किया।