सुमन पवार ने दिया संदेश करें योग, रहें निरोग

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वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ. दरबारी लाल अस्थाना की 120वीं जयंती पर हुई चित्रकला प्रतियोगिता

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रत्ना अस्थाना के निर्देशन में हुआ “देश रंगीला” डांस शो
सुमन पवार ने दिया संदेश “करें योग, रहें निरोग”

ऑलमाइटी कॉलेज के प्रबंधक मो. फारुख चौधरी को दिया गया वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ. दरबारी लाल अस्थाना स्मृति सम्मान 2025

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ. दरबारी लाल अस्थाना का 120वां जयंती समारोह, गुरुवार 24 जुलाई 2025 को गोमती नगर के विशाल खंड-3, स्थित ऑलमाइटी मोंटेसरी इंटर कॉलेज, परिसर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर सम्मान समारोह और चित्रकला प्रतियोगिता के उपरांत “देश रंगीला डांस शो” और “करें योग रहे निरोग” की सतरंगी प्रस्तुतियां हुईं।

प्रथम सत्र में हुए सम्मान समारोह में विद्यालय के प्रबंधक मोहम्मद फारुख चौधरी को, वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ. दरबारी लाल अस्थाना स्मृति सम्मान 2025 से अलंकृत किया गया। वह विगत कई दशकों से समाज उत्थान हेतु कंप्रधानाचार्या शैफाली शुक्ला को भी अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
इसी क्रम में नीशू त्यागी के संयोजन में देशभक्ति विषय पर हुई चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। यह प्रतियोगिता दो वर्गों में सम्पन्न करवायी गई। इसमें ढाई सौ से अधिक बच्चों ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। इसमें कक्षा एक से पांच तक के जूनियर वर्ग में नीलिशा यादव, तनिष्का कुमारी, आयुष कुमार और छह से बारह तक के सीनियर वर्ग में आकाश, आरिफ अंसारी, आयशा खातून क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय रहे।

इसमें किसी ने वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ. दरबारी लाल अस्थाना का पोट्रेट तो किसी ने भारत के वीर सैनिकों को कागज पर उकेरा था।
शुभ्रा अस्थाना के संयोजन में दूसरा सत्र सांस्कृतिक कार्यक्रमों को समर्पित रहा। इसमें रत्ना अस्थाना के निर्देशन में देशभक्ति पर आधारित नृत्य प्रस्तुति “देश रंगीला डांस शो” आकर्षण का केन्द्र बना। परंपरा के अनुरूप कार्यक्रम की शुरुआत गणपति वंदना “एक दंताय” से की गई।

इस नृत्य प्रस्तुति में अनिका सिंह, अविका सिंह, अग्रिमा चौरसिया, वीरा, एंजल और रक्षा शर्मा ने प्रभावी भाव नृत्य कर प्रशंसा हासिल की। इसके उपरांत देशभक्ति पर आधारित केन्द्रीय प्रस्तुति “जय हो” पर रीतिका सिंह, अनिका, अविका, अग्रिमा, वीरा, एंजल, रक्षा और आयुषी गुप्ता, अवंतिका श्रीवास्तव ने एक से बढ़कर एक नृत्य संयोजन पेश कर दर्शकों की तालियां अर्जित की। रीतिका सिंह ने एकल नृत्य प्रस्तुति “देश रंगीला” देकर आयोजन को परवान चढ़ाया।
तीसरे सत्र में योग गुरु सुमन पवार द्वारा नियमित योग के लिए प्रेरित किया गया। इसमें स्पेशल चाइल्ड देव ऋषि ने भी योगाभ्यास कर दूसरों को प्रेरित किया। इसमें “संग संग चलो बढ़ते रहो, योग सभी करते रहो” योग एंथम पर सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन आदि प्रेरक योग आसनों का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी डॉ. दरबारी लाल अस्थाना के पुत्र और वरिष्ठ रंगकर्मी पुनीत अस्थाना ने बताया कि सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी दर्शनशास्त्री डॉ.दरबारी लाल अस्थाना ने अपना पूरा जीवन देश सेवा और समाज सेवा को अर्पित कर दिया था। डॉ.दरबारी लाल अस्थाना की माता जी का नाम राज रानी देवी और पिता का नाम मुकुंद लाल अस्थाना था जिनकी आप इकलौती संतान थे। उनका जन्म 24 जुलाई 1905 को आगरा में हुआ था। डॉ.दरबारी लाल अस्थाना का राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश अंग्रेज़ी हुकूमत के दौरान राजकीय कॉलेज आगरा के बहिष्कार के साथ शुरू हुआ था। वृन्दावन स्थित सुप्रसिद्ध प्रेम महाविद्यालय में उन्होंने ग्रामोत्थान का कार्य किया और ब्रज के अनेक गांवों का दौरा कर आम लोगों में आज़ादी और राष्ट्रीयता की भावना जगायी। डॉ.दरबारी लाल अस्थाना को ग्रामीण अर्थशास्त्र और पुनर्निर्माण कार्य का विशेष अध्ययन करने के लिये गुरु रविन्द्र नाथ टैगोर के विश्वविख्यात शान्तिनिकेतन भी भेजा गया था। वहां गुरुदेव ने उन्हें एक कलम भी आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया था। युसुफ मेहर अली द्वारा संचालित “अखिल भारतीय युवक आन्दोलन” के संचालन में भी डॉ.दरबारी लाल अस्थाना सक्रिय रहे थे। सिंघियों के महान आध्यात्मिक गुरु श्रीयुत टी.एल.वासवानी का सानिध्य भी डॉ.दरबारी लाल अस्थाना को प्राप्त हुआ था।

महात्मा गांधी के सत्याग्रह आन्दोलन में डॉ.दरबारी लाल अस्थाना काफी सक्रिय रहे थे। इस दौरान 1930 में वृंदावन के प्रेम महाविद्यालय के छात्रों के साथ जब वह सत्याग्रह आन्दोलन कर रहे थे तब उन्हें 9सी-12 धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। 4 अगस्त 1930 को डॉ.दरबारी लाल अस्थाना को छह महीने के कठोर कारावास का दंड सुनाया गया था। 11 अक्टूबर 1930 में उन्हें मथुरा जेल से सीतापुर जेल में ट्रांसफर कर दिया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद डॉ.दरबारी लाल अस्थाना ने देहरादून में रहकर मेडिकल प्रैक्टिस आरंभ की।

इसके बाद वह लखनऊ आ गए और 1954 से उन्होंने उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि लखनऊ केंद्र के संचालक के रूप में लम्बे समय तक कार्य किया। प्रदेश के प्रखर प्रवक्ता, क्रान्तिकारी समाज सुधारक और संगठनकर्ता रहे डॉ.दरबारी लाल अस्थाना काफी समय तक पत्रकारिता के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे थे। ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी का स्वर्गवास 3 मार्च 1985 को लगभग 80 वर्ष की आयु में हो गया था। डॉ.दरबारी लाल अस्थाना बच्चों को बहुत प्यार करते थे और उन्हे देश-प्रेम, आत्म सम्मान तथा सद्कार्यो के लिये सदैव प्रेरित करते थे।

स्वतंत्रता के पच्चीसवें वर्ष के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम में स्मरणीय योगदान के लिए राष्ट्र की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें 15 अगस्त 1972 को ताम्रपत्र से सम्मानित किया था।
इस अवसर पर दबीर सिद्धीकी, विशाल गुप्ता, राहुल शर्मा, दिनेश वर्मा, अंकिता पाण्डेय, समरीन, नमन अस्थाना, पावनी अस्थाना सहित विभिन्न विशिष्ट जन उपस्थित रहे।

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