लखनऊ। किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डॉक्टरों ने कड़ी मेहनत के बाद आठ दिन वेंटिलेटर जिंदगी के संघर्ष करने वाले भर्ती चले रहे छात्र को नया जिंदगी देने में सफलता प्राप्त कर ली है। यह स्कूल में खेलते समय बॉस्केट बॉल का पोल छात्र के सिर पर गिर गया था। डाक्टरों की कड़ी मशक्कत के बाद इलाज करके छात्र वेंटिलेटर से बाहर कर दिया है। डाक्टरों का कहना है कि उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
कानपुर रोड स्थित सीएमएस में पढ़ने वाले सत्रह वर्षीय छात्र अक्षय दीप शुक्ला बॉस्केट बॉल खेलने वक्त भारी-भरकम पोल उसके सिर पर गिर गया था। दुर्घटना में छात्र के गहरी हेड इंजरी हुई थी, जिसके बाद कालेज प्रशासन और सहयोगियों ने तत्काल छात्र को केजीएमयू के इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करा दिया था। यहां न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने छात्र का इलाज शुरू करते हुए सीटी स्कैन सहित आवश्यक जांचें करायी। रिपोर्टों में गंभीर हेड इंजरी की पुष्टि हुई।
डॉक्टरों ने बताया कि इंजरी के कारण से सिर का सर्जरी में ठीक होने की कोई उम्मीद कम थी। इसलिए मरीज को तत्काल वेंटिलेटर की आवश्यकता थी। मरीज को ट्रॉमा में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। उसका इलाज टीवीयू प्रभारी डॉ. जिया अरशद और डॉ. राम गोपाल मौर्य की विशेष निगरानी में शुरू की गयी।
लगातार आठ दिनों की आईसीयू में इलाज, दवाओं और गहन मॉनीटरिंग के बाद मरीज की स्थिति में तेजी से ठीक होता गया। ट्रॉमा प्रभारी डॉ. प्रेमराज सिंह ने बताया कि इलाज के बाद सुधार होता देख वेंटिलेटर से हटाया गया। अब वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि अक्षय दीप अब होश में आ गए हैं। उनकी तबीयत स्थिर चल रही है।
डॉ. जिया अरशद व डॉ. प्रेमराज ने संयुक्त रूप से बताया कि यदि मरीज की स्थिति इसी प्रकार स्थिर बनी रही, तो अगले समय बाद में उसे वार्ड में शिप्ट कर आगे की चिकित्सा और पुनर्वास शुरू होगा। केजीएमयू की ट्रॉमा एवं क्रिटिकल केयर टीम और समय पर सही इलाज से इस गंभीर रूप से घायल छात्र की स्थिति में तेजी से सुधार संभव हुआ है।












