स्लीप एप्निया का इलाज डेंटल यूनिट में भी सम्भव

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लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में अब स्लीप एप्निया के मरीजों के इलाज में मदद अब डेंटल यूनिट के प्रोस्थोडांन्टिक्स विभाग करेंगा। विभाग के डाक्टरों ने इन मरीजों की पहचान और इलाज के लिए एक विशेष तरीके से करंेगे। इस क्रम में प्रॉस्थोडॉन्टिक्स विभाग ने इसके लिए दस सवालों की एक प्रश्नोत्तरी तैयार की है। अगले महीने से मेडिसिन की ओपीडी में विभाग के कुछ स्कॉलर छात्र जाएंगे और इस प्रश्नो को वहां आने वलो मरीजों से जानकारी ,लेंगे। यह प्रश्न काफी शोध के बाद यह सवाल तैयार किये गए हैं।

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विभाग प्रमुख प्रो पूरन चंद ने बताया कि अगर देखा जाए तो मेडिसिन विभाग की ओपीडी में ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के आधे से ज्यादा मरीजों को स्लीप एप्निया होता है, जिसकी पहचान नहीं हो पाती है। इसलिए हम मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों के साथ कोलैबोरेशन कर रहे हैं। ऐसे जितने मरीज चिन्हित किये जाएंगे उसकी जानकारी उनका इलाज कर रहे डॉक्टर को भी देंगे, ताकि बीपी या डायबिटीज के दवाइयां मरीज को सटीक परामर्श व दवा दे सकें। इसके अलावा कुछ व्यवहारिक बदलाव करना मरीज को बताया जाएगा, जिससे स्लीप एप्निया पर काफी हद तक नियंत्रण पाया
डॉ. पूरन ने बताया कि इस बीमारी के लिए विभाग में एक विशेष डिवाइस भी जो विभाग खुद बनवाता है।

इसके पेटेंट भी हमारे नाम पर है, जो जबड़ों में लगाई जाती है। इसे लगाकर सोने से स्लीप एप्निया पर काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। एक से डेढ़ हजार रुपये में यह डिवाइस मुहैया कराई जाती है। इस न्यूनतम शुल्क भी विवि की ओर से निर्धारित किया गया है।

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