लखनऊ – डायल 100 में तैनात एक सिपाही जो कि कुछ दिन पहले सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। हेड इंजरी के साथ उसके फेफड़ों में भी ग भीर संक्रमण हो गया था। केजीएमयू के ट्रामा सेन्टर के रेस्पेरेट्री मेडिसीन विभाग के डॉक्टरों ने 17 दिनों तक जटिल इलाज कर उसे कोमा से निकालकर नया जीवन दिया। गुडम्बा निवासी 32 वर्षीय जावेद अहमद सुलतानुपर के चांदा में डायल 100 में सिपाही के पद पर तैनात हैं। बीते 26 दिस बर की रात जावेद ड्यूटी पर तैनात थे, इसी बीच उन्हें आगे रोड पर एक ट्रक पलटने की सूचना मिली। सूचना पर घटना स्थल पर पहुंचे सिपाही जावेद ने ट्रक में लोगों को बाहर निकालने का काम किया, इसी बीच जैसे ही वो सड़क के दूसरे तरफ ाड़ा हुआ तो कुछ ही देर में एक पिकप गाड़ी तेज र तार से उधर से गुजरी और उसने जावेद को तेज टक्कर मार दी।
टक्कर लगते हुए सिपाही जावेद सड़क पर गिर पड़े और उन्हें गंभीर चोटें आई। इसी बीच पुलिस की मदद से उन्हें स्थानीय अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। साथी पुलिसकर्मियों ने उन्हें 27 दिस बर को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। जहां जांच के दौरान पता चला कि जावेद को मल्टिपल फै्रक्चर, हेड इंजरी, कॉलर बोन फ्रैक्चर के साथ ही फेफड़ों में गंभीर संक्रमण व निमोनिया की शिकायत थी। रेस्पेरेट्री इंसेंटिव केयर यूनिट के प्रभारी डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि हेड इंजरी होने के कारण सिपाही को काफी उल्टियां हुई थीं। जिसके कारण यह उल्टियां फेफड़ों में चली गई और उसे गंभीर संक्रमण हो गया।
जिस दिन जावेद के संक्रमण की जांच कराई गई तो यह संक्रमण 18200 की स्थिति में था और ग्लॉस्गो कोमा स्केल की स्थिति थी। जिसके बाद जावेद की तीन बार ब्रांकोस्कोपी करके उसके फेफड़ों की सफाई की गई। जिसके बाद फेफड़ों ने काम करना शुरू किया और मरीज की सांस ठीक से आने जाने लगी। धीरे-धीरे जावेद कोमा की स्थिति से भी बाहर आने लगा। उन्होंने बताया कि स्थिति में सुधार होने के बाद उसका ग्लॉस्गो कोमा स्केल 13 आ गया जो एक बेहतर स्थिति थी, इसके बाद मंगलवार को जावेद को डिस्चार्ज कर दिया गया।
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