शार्ट सर्किट फिर बड़ी घटना न बने….

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में अभी आग का खतरा कम नही हुआ है। शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय व कि चन में शार्ट सर्किट से लगी आग भले ही बुझा दी गयी हो, लेकिन अगर किचन में आग गैस सिलेंडर के पास लगी होती तो यह बड़ी घटना भी हो सकती थी। यह केजीएमयू की जर्जर बिजली वायरिंग व रखरखाव की कमी की पोल खोलती है। अगर ऐसा ही रहा तो कभी भी ट्रामा सेंटर जैसा हादसा हो सकता है।

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केजीएमयू में ट्रामा सेंटर में लगी आग को शार्ट सर्किट लगना बताया गया था। इसके बाद दावा किया गया था कि बिजली व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। पर अभी तक सभी व्यवस्था कागजों पर चल रही है। सर्जरी विभाग में लगी आग के बाद सभी जगह की जर्जर वायरिंग को ठीक करने का दावा किया जा रहा था। कागजों में वायरिंग को ठीक करने का दावा तो किया गया लेकिन हकीकत में कोई काम नहीं हो पाया। इसकी जगह केजीएमयू में प्रशासनिक भवन से लेकर अन्य जगहों पर एसी उपकरण लगाये जाने का जाल बिछ गया।

बताया जाता है कि एसी के कारण बढ़ने वाला लोड जर्जरी वायरिंग नहीं उठा पा रही है आैर अक्सर शार्ट सर्किट हो जाता है। बताया जाता है कि जर्जर वायरिंग के कारण कही भी आग लग सकती है। अगर सूत्रों की माने तो केजीएमयू के किचन में शनिवार को अगर शार्ट सर्किट खाना बनाते वक्त गैस सिलेंडर के पास होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। इसके बाद केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एसएन शंखवार का कहना है कि आग बहुत ही सामान्य थी तत्काल नियंत्रण पा लिया गया था।

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