लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बाल शल्य विभाग के विशेषज्ञ डा. आशीष बाखूल ने जन्म के बाद महज आठ घंटे के नवजात शिशु के नाक की हड्डी से 400 ग्राम का ट्यूमर निकालने में सफलता प्राप्त कर ली। यह ओरा टेराटोमा नाम का ट्यूमर नाक की बीच की हड्डी से यह बच्चे के मुंह के सामने लटक रहा था,यह श्वसन प्रक्रिया के अलावा स्तनपान करने में दिक्कत कर रहा था। सर्जरी के बाद अब शिशु स्वस्थ है और कुछ दिनों में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। बाल शल्य सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. आशीष वाकलू का कहन है कि फैजाबाद निवासी भाग्यवती के पति तेजबहादुर के मुताबिक स्थानीय सीएचसी में शुक्रवार को सामान्य प्रसव से शिशु का जन्म सुबह करीब चार बजे हुआ था।
जन्म के बाद जब शिशु का चेहरा देखा, तो ट्यूमर नाक की हड्डी से जुड़कर मुंह तक लटक रहा था। डॉक्टरों ने तुरंत जच्चा और बच्चा को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। ट्रामा सेंटर में भर्ती के बाद उसे बाल शल्य विभाग लाया गया। डॉ. आशीष ने बताया कि सर्जरी के समय शिशु महज आठ-नौ घंटे का ही था। ऐसे में एनिस्थिसिया देना मुश्किल होता है, क्योंकि श्वसन नली जल्दी मिलती नहीं आ रही थी।
ऐसे में एनिस्थिसिया की डॉ. हेमलता ने दूरबीन तकनीक सांस नली में एनिस्थिसिया दिया। इसके बाद लेप्रोस्कोप तकनीक से ही नाक की बीच की हड्डी को पकड़ा गया आैर उससे जुड़ा ट्यूमर को काटकर अलग किया गया। लेप्रोस्कोप तकनीक से सर्जरी के दौरान ब्लीडिंग ज्यादा न होने से ब्लड नहीं दिया गया। विशेषज्ञ डा. वाकलू ने बताया कि यह ऑपरेशन जटिल था। उनके साथ सर्जरी की टीम में डॉ. आशीष के अलावा सीनियर रेजिडेंट डॉ. गौरव, कंसल्टेंट डॉ. नितिन और एनिस्थिसिया डॉ. हेमलता अपनी टीम के साथ थीं।
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