लखनऊ । सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट एजेंसी से मरीजों के ब्लड की जांच का कोई मतलब नहीं है। रीजेंट के नाम पर यह निजी एजेंसी सरकार को लूट रही है। यह गंभीर आरोप यूपी लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के नवनियुक्त पदाधिकारियों ने एक मत से लगाये है। यह सभी बृहस्पतिवार को बलरामपुर अस्पतल में आयोजित अधिवेशन में सम्बोधित कर रहे थे। नवनियुक्त अध्यक्ष महेश प्रसाद ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पीओसीटी जैसी एजेंसी का कोई काम ही नहीं है, क्योंकि सरकारी अस्पतालों की प्रयोगशाला पहले से ही लगातार बेहतर काम करती आ रही है। प्रयोगशालाओं में सारी सुविधाएं हैं और जांच करने में भी सक्षम है। ऐसे में किसी संस्था को काम देने का कोई मतलब नहीं है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश रावत ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पीपीपी मॉडल पर इस तरीके की ब्लड की जांच की सुविधा कभी बर्दाश्त करके आंदोलन चलाने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि सरकार अपने उपकरण व संसाधन बढ़ाएं, ताकि मरीजों को बेहतर और गुणवत्तापरक जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। जिला सचिव संतोष जौहरी ने कहा कि अस्पतालों की प्रयोगशाला में खाली पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। संगठन मंत्री शिवशरण ने कहा कि वेतन विसंगति का मामला लंबे अरसे से लटका हुआ है। एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी व प्रवक्ता सुनील यादव ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन नीति बहाल कि या जाए। लंबे समय से एसोसिएशन पुरानी पेंशन नीति को लेकर संघर्ष कर रही है पर सरकारी तंत्र लगातार इस नजरअंदाज कर रही हंै। इस बीच काफी शोर शराबे के बीच नयी चुनाव कराया गया। इसमें महेश प्रसाद -अध्यक्ष, बीबी द्विवेदी -वरिष्ठ उपाध्यक्ष, सन्तोष जौहरी -मंत्री, विजय गुप्ता -संयुक्त सचिव, अनीता सिंह-कोषाध्यक्ष, कमलेश गौतम -संप्रेक्षक पद पर निर्वाचित हुए।
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