लखनऊ। संक्रामक रोगों के बढ़ते खतरे को देखते हुए केजीएमयू और यूएसए की टेक्सास टेक्नीकल यूनिवर्सिटी हेल्थ साइंसेस ने निर्णय लिया है कि वह भविष्य में इस मुद्दे पर मिलकर काम करेंगे। यूएसए से आए चिकित्सकों के साथ एक कार्यशाला भी की गयी जिसमें संक्रामक रोगों पर कई बातें सामने आयीं जिसके बाद यह तय किया गया कि ट्रोपिकल इनफेक्सस डिजीज का केन्द्र केजीएमयू में बनाया जाए। यह जानकारी प्रो. डी. हिमांशु ने दी।
इस मौके पर केजीएमयू के संक्रामक रोग यूनिट डिपार्टमेंट ऑफ मेेडिसिन के प्रमुख डॉ. हिमांशु ने संक्रामक रोगों पर लगाम लगायी जानी जरूरी है। बीते कुछ वर्षों में कुछ नये संक्रामक रोग मिले जिनके लक्षण तो पुराने रोगों से मिलते हैं लेकिन बैक्टीरिया आदि अलग है। अत: जरूरी है कि उन पर रिसर्च हो और बीमारियों का सही कारण पता कर इलाज खोजा जाए। कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने टेक्सास टेक्नीकल यूनिवर्सिटी हेल्थ साइंसेस से आए चिकित्सकों के एक सात सदस्यीय दल को प्रमाण पत्र दिए। बीती सात अप्रैल को शुरू हुई कार्यशाला मंगलवार को समाप्त हो गयी।
कार्यशाला में भाग लेने वालों में मु य रूरू से टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. फातिमा लीवेंट एवं डॉ. मेरियल लेसी शामिल हुए। डॉ. डी. हिमांशु ने बताया कि भविष्य में दोनों संस्थान द्वारा ट्रोपिकल इनफेक्सस डिजीज का केन्द्र केजीएमयू में बनाया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में मरीजों के परीक्षण के साथ ही बीमारी एवं उसके उपचार पर चर्चा की गई। इस दौरान एंटी माइक्रोबाइल स्टीवर्डशिप प्रोग्राम की ट्रेनिंग भी कराई गई, जिसमें यह कहा गया कि एंटीबायोटिक्स के कम से कम इस्तेमाल से मरीजों का उपचार किया जाए।
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