लखनऊ। केन्द्र सरकार के डिजिटल इंण्डिया कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश में राष्टï्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अन्र्तगत राजधानी के दो नगरीय स्वास्थ्य केन्द्र को ई- स्वास्थ्य केन्द्र बनाया गया है। दोनों स्वास्थ्य केन्द्रों को पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड किया जा चुका है। यह प्रोजेक्ट अन्ध्र प्रदेश की हेल्थ केयर एवं आईटी क्षेत्र में कार्य कर रही कम्पनी धनुष इंफोटेक द्वारा पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है।
उजरियांव व जियामऊ नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के कम्प्यूटराइज्ड हो जाने के चलते अब मरीजों का पंजीकरण बायोमैट्रिक मशीन द्वारा किया जा रहा है। इसके कारण मरीजों को दोबारा पंजीकरण की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। साथ ही चिकित्सकिय सलाह के लिए मरीजों को लम्बीलाइन नहीं लगानी पड़ती है। पंजीकरण होने के बाद मरीज को एक टोकन मिल जाता है और नम्बर डिस्प्ले होते ही वह चिकित्सक को दिखा सकता है। इसके अलावा जांच तथा उसकी रिपोर्ट भी ऑनलाइन होने से समय की भी बचत हो रही है।
वहीं चिकित्सक सीधे रिपोर्ट को कम्प्यूटर पर देख कर मरीजों को सलाह प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा मरीज को विशेषज्ञ चिकित्सक के सलाह की जरूरत स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक कों महसूस होती है तो वह टेली मेडिसिन सुविधा होने के चलते तत्काल ही विशेषज्ञ चिकित्सक से सम्पर्क कर सकता है और मरीज का उचित इलाज शुरू कर सकता है।
ई-स्वास्थ्य केन्द्र का मंत्री ने किया निरीक्षण
परिवार कल्याण व मातृ शिशु कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने ई-नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उजरियांव का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पंजीकरण काउंटर ,वीडियों कालिंग तथा प्रयोगशाला का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस योजना से गरीबों को मुफ्त गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा मिल सकेगी। साथ ही जरूरतमंद मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह से उनकी स्वास्थ्य रक्षा भी होगी।