प्रिसीजन मेडिसिन एंड इनटेंसिव केयर पर कान्फ्रेंस
लखनऊ। प्रिसिजन मेडिसिन या व्यक्तिगत इलाज वर्तमान में मरीजों के लिए सटीक काम कर रही है। मरीज को बेहतर लाइन आफ ट्रीटमेंट के कारण इलाज के कारण फालतू के खर्चे में भी कमी आ रही है। यह बात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अविनाश अग्रवाल ने शनिवार को केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेई सांइटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित प्रिसीजन मेडिसिन एंड इनटेंसिव केयर पर कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अगर देखा जाए तो प्रिसीजन मेडिसिन के मरीज को कई तरह से इलाज में राहत मिलती है। प्रत्येक मरीज को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार सबसे प्रभावी इलाज दिया जाता है, जिसके बेस्ट रिजल्ट और साइड इफेक्ट कम होते हैं। यह दवाओं की प्रभावकारिता में सुधार करता है, क्योंकि यह व्यक्तिगत रूप से निर्धारित की जाती है। बीमारियों को सही तरीके से प्रबंधित करने में सहायता करता है, जिससे मरीजों को बेहतर क्वालिटी लाइफ जीवन जीने में सहायता मिलती है।
साथ ही बिना कारण क्लीनिकल टेस्ट और इलाज से बचाने में भी मदद करता है, जिससे स्वास्थ्य देखभाल लागत कम हो जाती है। इससे पहले कान्फ्रेंस का केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कान्फ्रेंस से अपडेट जानकारी व तकनीक का आदान- प्रदान होता है। डॉक्टरों को इलाज की नयी तकनीक सीखने का मौका मिलता है। नयी दवाओं और जांच की जानकारी होती है। इस कान्फ्रेंस में लगभग 300 से ज्यादा डॉक्टरों ने भाग लिया।