लखनऊ। राजधानी समेत प्रदेश भर के अस्पताल दवाओं की किल्लत से जूझ रहे हैं। अस्पतालों में जीवनरक्षक आवश्यक दवाओं का स्टॉक खत्म हो चुका है। आपूर्तिकर्ता पुराने आर्डर पर अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति नहीं कर रहे। जबकि आर्डर की सुविधा बीते 26 मई से पूरी तरह से ठप्प पड़ी है। इसका खामियाजा अस्पताल आने वाले मरीजों को भुगतने को मजबूर हैं, जिन्हें घंटों की मशक्कत के बाद भी डॉक्टर की लिखी पूरी दवाएं न देकर आधी अधूरी देकर चलता किया जा रहा है।
प्रदेश के अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति के लिए आर्डर भेजने व स्टॉक व्यवस्था को ड्रग प्रोक्योर इंमेन्ट्री कंट्रोल सिस्टम (डिपिक) नामक पोर्टल का प्रयोग किया जा रहा था। कुछ तकनीकि खामियों के चलते कई बार यह डिपिक दवाओं की आपूर्ति व स्टॉक मेनटेन में पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हो पा रहा था। पोर्टल की निगरानी करने वाले संस्थान एनआईसी भी इन खामियों का समाधान नहीं खोज सकी। जिसकी वजह से अस्पतालों में दवाओं की समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकल सका। सरकार के नए निर्देश के तहत डिपिट को बीते 26 मई को बंद कर दिया गया। लेकिन दवाओं की आपूर्ति व स्टॉक मेनटेन के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई।
पिछले करीब 20 दिनों से प्रदेश के अस्पतालों में दवा आपूर्ति के आर्डर व भंडारण का कामकाज पूरी तरह से ठप्प पड़ा है। जिसकी वजह से राजधानी समेत पूरे यूपी में करीब ढाई सौ अस्पतालों में दवाओं का संकट छाया हुआ है। राजधानी लखनऊ के प्रमुख अस्पतालो समेत प्रदेश के चिकित्सालयों में डायरिया व बुखार तक की करीब एक दर्जन से अधिक जीवन रक्षक आवश्यक दवाएं खत्म हो चुकी हैं। सेंट्रल सीएमएसडी में आरसी वाली जिन आपूर्तिकर्ता क पनियों को 26 मई से पहले आर्डर दिया गया था उन्होंने अभी दवाओं की आपूेर्ति नही की।
अब नए पोर्टल पर से होगी प्रदेश में दवाओं की खरीद व निगरानी-
दवाओं की अपूर्ति के लिए ऑनलाइन आर्डर भेजने व स्टॉक मेनटेन की निगरानी के लिए नया पोर्टल यूपी डीवीडीएमएस डॉट डीसी सर्विस डॉट इन नाम से शुरू किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो नए पोर्टल को लेकर लगभग सभी तैयारियां कर ली गई हैं। सप्ताह पोर्टल को लांच भी कर दिया गया है। ताकि संबंधित अस्पतालों को पोर्टल का पासबर्ड देकर इसके संचालन की जानकारी दी जा सके।
इन दवाओं का संकट-
- इंजे. मेट्राक्लोप्रोयामाइड- उल्टी दस्त में उपयोगी
- इंजें मेट्रीनीडाजन -डायरिया
- आईवी फ्ïलूड – लाइव सेविंग ड्रग
- टेब. एसारविज एसिड – बिटामिन सी
- मेड्रोलोन डिकोनेट -कार्डियक
- डोपामीन एक्सीएल – लाइव सेंविंग ड्रग
-डॉ. पदमाकर सिंह, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य