लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय जल्द ही निकट भविष्य में प्री- हॉस्पिटल पैडियाट्रिक ट्रॉमा इमरजेंसी सर्विस को विकसित करने की परियोजना पर कार्य कर रहा है। इसमें ट्रॉमा इमरजेंसी में शुरूआती क्षण-प्लेटिनियम-10 मिनट मरीज की जान बचाने के लिए बहुत जरूरी है। चूंकि इतने समय में कई बार मरीज का अस्पताल तक पहुंचना संभव नहीं हो पाता है।
कुलपति कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने बताया कि हमारी योजना है कि क्यों न हम अस्पताल को मरीज तक पहुंचाने का प्रयास करें। इसी क्रम में अन्तर राष्ट्रीय मानकों के आधार पर हम शुरूआती दौर में केजीएमयू एवं उसके पांच किलोमीटर के दायरे में डाक्टरों, ट्रॉफिक पुलिस कर्मियों एवं एम्बुलेंस कर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित करने का कार्य करेंगे ,जिससे हम पैडियाट्रिक ट्रॉमा के मामलों का और बेहतर तरीके से प्रबंधन कर सकें। पैडियाट्रिक आर्थोपैडिक विभाग के प्रमुख प्रो. अजय सिंह ने बताया कि प्री – हॉस्पिटल पैडियाट्रिक ट्रॉमा इमरजेंसी सर्विस के तहत अन्य मरीजों के साथ ही बच्चों के इलाज में प्रमुखता से कैसे प्रबंधन किया जाए , इसकी भी प्रमुख रूप से जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि धीरे- धीरे पूरे लखनऊ में लागू करने के बाद प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा प्री- हॉस्पिटल ऐडल्ट ट्रॉमा को भी इस अभियान में शामिल कि या जाएगा। इसके बाद यह परियोजना प्रदेश में लागू किये जा सके।