लखनऊ। सांप काटने के बाद तत्काल इलाज मिलने पर मरीज ठीक हो जाता है, लेकिन कोबरा या अन्य जहरीले सांप के काटने पर बना घाव जल्द ठीक नहीं होता है। ऐसा ही सांप के काटने पर ठीक नही हो रहे घाव को पीजीआई के विशेषज्ञ डाक्टरों ने नयी तकनीक से जल्द सही करने में सफलता मिली है। घाव के ठीक होने के बाद मरीज के सांप काटे स्थान पर मांसपेशियां भी सही हो गयी है।

पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के वरिष्ठ प्रो. राजीव अग्रवाल ने बताया कि बिहार के जिला मुजफ्फपुर के गांव मीनापुर की रहने वाली युवती को 24 जुलाई कि रात को जब वह सो रही थी, तब नाग ने उसको दायें हाथ पर डस लिया। डसने के तुरंत बाद हाथ में अत्यधिक दर्द, सूजन और जलन हो गयी।
इसके बाद उसके आस-पास के त्वचा के रंग में भी बदलाव आ गया, और साथ हीं साथ बुखार, उल्टी, सिर दर्द एवं कंपकपी लगने लगी। उसके मुंह से झाग निकलने लगा और वो बेहोश हो गयी। घर पर उसका प्राथमिक इलाज जो भी उपलब्ध था। इसके बाद पीएससी से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां पर संभवतः उसको एन्टीवेनम दिया गया। स्नैक एन्टीवेनम देने के बाद मरीज को होश आ गया। इसके कुछ दिनों के बाद रोगी सर्पदंश से ठीक हो गयी, लेकिन उसके हाथ का घाव बढ़ता चला गया।
प्रो. अग्रवाल ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी ओपीडी में वह जब आयी तो रोगी के दायें हाथ पर काफी बड़ा घाव पाया गया, जो उंगली तक जा रहा था। घाव काफी गहरा था, जिसमें अन्दर मांशपेशियां व आस-पास का भाग भी फूल हुए थे। पहले रोगी के घाव को ड्रेसिंग के बेहतर किया गया। इसके बाद प्लास्टिक सर्जरी से ठीक करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद प्लास्टिक सर्जरी की अत्याधुनिक तकनीक हाथ की क्षतिग्रस्त त्वचा को हटाया गया। इसके बाद खराब टेंडन को फ्लैप तक नीक से हटाकर दोबारा त्वचा को पुर्नगठित किया गया। यह सर्जरी चार घंटे चली। सर्जरी में प्रो. राजीव अग्रवाल के साथ डा. संजय कु मार, रेजीडेंट डा. भूपेश शामिल थे।











