लखनऊ। संजय गांधी पी जी आई के प्रथम चरण में कोविड वैक्सीनेशन बड़ी संख्या में रेजीडेंट डाक्टर्स का नहीं हो पाया है। इस पर रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आर डी ए) ने दुख व रोष व्यक्त करते हुए निदेशक को पत्र लिखा है कि कोरोना काल में फ्रंटलाइन में रहने के बाद काफी संख्या में रेजीडेंट डाक्टरों का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है।
एसोसिएशन ने निदेशक प्रो आर के धीमान को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि 15 फरवरी को मॉप अप राउंड से पूर्व एक विशेष सत्र आयोजित कर शेष रह गये रेजीडेंट डाक्टर्स को वैक्सीनेशन कराने की व्यवस्था की जाए। आर डी ए के अध्यक्ष डॉ आकाश माथुर, उपाध्यक्ष डॉ श्रुति व महासचिव डॉ अनिल गंगवार ने निदेशक प्रो आर के धीमान को भेजे पत्र में कहा कि अत्यंत दुखद है कि प्रथम चरण का वैक्सीनेशन पूर्ण होने पर भी अधिकतर रेजीडेंट डाक्टर इससे वंचित रह गये। उन्होंने कहा कि रेजीडेंट सदैव कोरोना मरीजों की सेवा में अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे हैं, किंतु संस्थान के सभी कर्मचारियों का भी वैक्सीनेशन हो जाने पर भी अधिकतर रेजीडेंट का नाम ही भी टीकाकरण के लिए सरकार को नहीं भेजा गया। उनका कहना है कि जो कर्मचारी कोरोना काल में कहीं भी ड¬ूटी पर नही उनका भी वैक्सीनेशन हो गया। पत्र के अनुसार टीकाकरण शुरू होने के बाद रेजीडेंस डाक्टर्स के नाम न भेजे जाने की जानकारी हुई तो 28 जनवरी को निदेशक से मिलकर इन डाक्टर्स ने अवगत कराया था, निदेशक ने इसके लिए तत्काल निदेँश देते हुए छूटे रेजीडेंस डाक्टरों के नाम भारत सरकार को भेजने के निदेँश दिए थे। रेजीडेंट डाक्टरों ने बताया कि 4 और 5 फरवरी को स्वास्थ्य कर्मियों के वैक्सीनेशन का अंतिम चरण होने पर चार फरवरी को जब सूची देखीं गयी तो छूटे हुए डाक्टरों का नाम उस सूची में न पाये जाने पर रेजीडेंस डाक्टरों में रोष बढ़ गया। निदेशक प्रो आर के धीमान से सम्पर्क करने पर पता चला कि छूटे हुए नाम तो जनवरी में ही भेज दिये थे। इन रेजीडेंस का कहना है कि फ्रंट लाइन पर रहने वाले डाक्टरों जिन्हें कोरोना वारियर्स कह कर सम्मानित किया जा रहा है, उन्हीं डाक्टरों का नाम नहीं भेजा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।