लखनऊ। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान एक आदर्श संस्थान है, जो स्वास्थ्य की अग्रणी संस्था के रूप में जाना जाता है। श्री नाईक ने शनिवार को एसजीपीजीआई के 23 वें दीक्षांत समारोह में 162 उपाधियाँ प्रदान की गयी, जिनमें 93 छात्र हैं और 69 छात्रायें हैं। समारोह के मुख्य अतिथि एम्स दिल्ली के पूर्व बाल रोग विशेषज्ञ एवं नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल थे। इसके अलावा विशिष्ट अतिथि चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन भी मौजूद थे।
समारोह में श्री नाईक ने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं से कहा कि अपनी सफलता में माता-पिता एवं गुरूजनों के त्याग को हमेशा याद रखें ,जिन्होंने आपको आज इस स्थान पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि नये शोध से अपनी जानकारी बढ़ायें।
यह संस्थान एक आदर्श संस्थान है, जो स्वास्थ्य की अग्रणी संस्था के रूप में जाना जाता है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य प्रदेशों एवं देशों के लोगों का भी संस्थान पर विश्वास है। उन्होंने कहा कि यहाँ’ मेडिकल टूरिज्म”को विकसित करने की आवश्यकता है।
मिल गयी अटल को डिग्री
राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि देश एवं विशेषकर लखनऊ के विकास में अटल जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनका व्यक्तित्व और समुद्र जैसा गहरा ज्ञान आज भी सबको प्रेरित करता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को अपनी-अपनी उपाधियाँ संभालकर रखने की भी सलाह दी। उन्होंने बताया कि कई वर्ष पहले सूचना के अधिकार के तहत श्री वाजपेयी की उपाधि के बारे में डीएवी कालेज कानपुर से जानकारी मांगी गयी। डीएवी कालेज ने कानपुर विश्वविद्यालय को प्रकरण प्रेषित किया और कानपुर विश्वविद्यालय ने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय से सूचना प्राप्त की जाये।
आगरा विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति ने कहा कि इसका कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। आगरा विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति से मैंने फोन पर बातचीत की तथा पुराना रिकार्ड निकलवाया, जिसके अनुसार वर्ष 1947 में अटल जी ने डीएवी कालेज से राजनीति शास्त्र से एमए. किया था। उन्होंने कहा कि आज के उपाधि धारक कल किसी ऊंचे स्थान पर जा सकते हैं इसलिये अपनी उपाधि को संभाल कर रखें।
समारोह के मुख्य अतिथि एम्स दिल्ली के पूर्व बाल रोग विशेषज्ञ एवं नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल ने कहा कि पीजीआई भारत और विशेषकर उत्तर प्रदेश के लिए एक रत्न है। यहाँ से निकलने वाले छात्रों को गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शार्टकट से सफलता नहीं मिलती। उन्होंने उपाधि धारकों को सलाह दी कि संकाय की कमी देखते हुये शैक्षिक क्षेत्र में योगदान दें। विशेषज्ञों की कमी को पूरा करें। उन्होंने कहा कि स्वयं में बिना मानवीय गुण के किसी भी डिग्री का कोई अर्थ नहीं है।
दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि यह संस्थान प्रदेश का गौरवशाली संस्थान है। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील है और शीघ ही संस्थान को वृहद् रूप दिया जायेगा। उन्होंने संस्थान के पदाधिकारियो को आश्वस्त किया कि संस्थान में संसाधनों की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने उपाधि धारकों को शुभकामनाएं देते हुये कहा कि लोगों की आशाओं पर खरा उतरने का प्रयास करें। सेवा भाव जाग्रत रखें तथा ग्रामीण क्षेत्र में भी अपनी सेवायें दें।
23वें दीक्षान्त समारोह में162 छात्रों को डिग्री राज्यपाल के हाथों डिग्री मिली। समारोह में 37 छात्रों को डीएम, 16 छात्राों को एमसीएच, चार छात्रों को पीएचडी , 19 छात्रों को एमडी, सात छात्रों को एमएचए, 44 छात्रों को पीडीसीसी, 35 छात्रों को बीएससी नर्सिग की डिग्री दी गयी। इनमें से 57.4फीसदी छात्र है और 42.6 फीसदी छात्राएं है। इसके अलावा प्रो.एसआर नायक एवार्ड फार आउट स्टैडिंग इनवेस्टीगेटर बाल पेट रोग विभाग के प्रमुख प्रो.एसके याचा, प्रो.एसएस अग्रवाल फार एक्सीलेंस रिसर्च एवार्ड न्यूरोलाजी विभाग के शोध छात्र डा. विजय कुमार साहू और प्रो.आरके शर्मा बेस्ट डीएम स्टुडेंट एवार्ड क्लीनिकल इम्यूनोलाजी विभाग की डीएम छात्र डा. विकास कुमार गुप्ता को दिया गया। इस मौके पर संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश कपूर ने संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के साथ उपलब्धियों का भी ब्यौरा दिया। धन्यवाद प्रस्ताव संकाय अध्यक्ष प्रो. राजन सक्सेना द्वारा ज्ञापित किया गया।
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