लखनऊ। अंगदान के प्रति जागरुकता फैलाने के उदे्श्य से बृहस्पतिवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डॉक्टर व छात्र-छात्राओं ने दौड़ लगायी। रास्ते में लोगों को अंगदान के प्रति जागरुक किया। हाथों में बैनर व पोस्टर लिए डॉक्टर व छात्रों ने अंगदान करने की अपील करते हुए, इसके फायदे बतायें।
केजीएमयू प्रशासनिक भवन से रूमी गेट तक अंगदान जन-जागरूकता वॉकाथन आयोजित की गयी। केजीएमयू व आलम्बन एसोसिएट्स चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से वॉकाथान आयोजित किया गया। आलम्बन एसोसिएट्स की सचिव व क्वीनमेरी की डॉ. सुजाता देव ने कहा कि अंगदान से एक साथ कई लोगों को नया जीवन मिल सकता है। किडनी के दो मरीजों की जीवनदान मिलता है। लिवर की जरूरतमंद मरीजों को भी नई जिंदगी मिलती हैं।
नेत्रहीनों के जीवन में उजाला हो सकता है। बंद हो रही दिल की धड़कने लौट सकती है। ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप कुमार ने कहा कि ब्रोन डेड मरीज के परिवारीजन नेक काम में सहयोग कर सकते हैं।
देश में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में लोगों में अंग-फैलियर हो रहे हैं। इसके बावजूद अंगदान के आंकड़े बेहद कम है। अंगदान करने वालों की संख्या 2014 में केवल 6916 थी, जो 2022 में बढ़कर 16041 हो पाई है। नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. विश्वजीत सिंह ने बताया कि सही जीवन शैली से किडनी को बचाया जा सकता है।
इस मौके पर डीन डॉ. आरएएस कुशवाहा, चीफ प्रॉक्टर डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव, रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. संतोष कुमार, डॉ. नरेन्द्र देव, डॉ. दिनेश कौशल, डॉ. राकेश दीवान व डॉ. सुनीता सिंह शामिल हुईं।
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