ध्यान दें … बच्चों में कमजोर इम्यून सिस्टम से प्रभावित होता है यह अंग

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पीजीआई पीडियाट्रिक विभाग का स्थापना दिवस

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लखनऊ । ‌ संजय गांधी पीजीआई के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस एवं क्लीनिक के मौके पर क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो. अमिता अग्रवाल ने प्राइमरी इम्यूनो डिफिशिएंसी(पीआईडी) के कारण पेट की बीमारी के बारे में बताया कि इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर बच्चों को बार डायरिया, लिवर में एब्सेस( मवाद), मुंह में छाले की परेशानी हो सकती है। यह परेशानी है तो पहले सामान्य कारण का पता कर इलाज करना चाहिए यदि इलाज से फायदा नहीं हो रहा है तो पीआईडी के बारे में चिकित्सकों को सोचने की जरूरत है।

परिजनों को भी विशेषज्ञ से मिलता चाहिए। प्रो. अमिता ने बताया कि आंत( गट) में सबसे अधिक इम्यून सेल होते है क्योंकि संक्रामक खाने के रास्ते शरीर में प्रवेश में करते है । यह खाने के जरिए पहुंचने के बैक्टीरिया, पैरासाइट को नष्ट कर संक्रमण से बचाते है। जीन में खराबी के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर यह सेल भी प्रभावित होते है। सही तरीके से काम नहीं करते है जिसके कारण बच्चों को बार –बार संक्रमण होता है। कई बार बच्चे की स्थिति गंभीर हो जाती है। प्रो. अमिता ने कहा कि सामान्य इलाज से राहत न मिलने पर जीन की जांच करानी चाहिए जो सात से आठ हजार में हो जाती है। पीआईडी का पता लगने पर टारगेट थिरेपी, आईवी आईजीजी जिससे बच्चों को राहत मिलता है। एक लाख में एक बच्चे में पीआईडी की आशंका रहती है।

पीलिया के साथ बुखार तो लिवर में हो सकती है परेशानी
पीडियाट्रिक विभाग के संस्थापक प्रो,एसके याचा ने बताया कि पीलिया (जॉन्डिस) और बुखार एक साथ होने गंभीर परेशानी का संकेत है। पीलिया तब होता है जब लिवर (जिगर) सही से काम नहीं कर रहा होता और बिलीरुबिन खून में जमा हो जाता है, जिससे त्वचा और आंखों की सफेदी पीली पड़ने लगती है। हेपेटाइटिस, मलेरिया, डेंगू पित्ताशय में पथरी या अन्य समस्याएं होने पर लिवर के काम में दिक्कत आ सकती है, जिससे पीलिया और बुखार हो सकता है। लेप्टोस्पायरोसिस भी पीलिया और बुखार के संयोजन को जन्म दे सकता है।

‌ प्रो. मोइनक सेन शर्मा ने बताया कि बच्चों में बार-बार या यहां तक कि 6 महीने से उल्टी की परेशानी हो रही है तो इसके पीछे खाने की नली में रूकावट, छोटी आंत में रुकावट , आमाशय में रूकावट , पेट और आंतों की सूजन है। एसिड रिफ्लक्स जिसमें पेट का अम्ल (एसिड) आंतों में वापस आ जाता है। पेट की सूजन इसमें पेट की मांसपेशियों का ठीक से काम नहीं होता और खाना सही से पचता नहीं है। फूड एलर्जी हो सकता है। कारण का पता लगा कर सही समय पर इलाज संभव है। प्रो. समीर मोहिंद्रा ने पैक्रिएटाइटिस के कारण होने दर्द का इलाज संभव है।

बच्चों में पीआईडी का पता लगाने के लिए ग्लोबुलीन देखना चाहिए इसके लिए अलग से जांच की जरूरत है। रक्त में प्रोटीन और एल्ब्यूमिन की जांच करना चाहिए। इनके स्तर को घटाने से ग्लोबुलीन का के स्तर का पता लग जाता है।

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